टेस्ट क्रिकेट से सन्यास लेने के बाद क्रिकेटर विराट कोहली अपनी पत्नी अनुष्का संग मथुरा के वृंदावन में केली कुंज आश्रम में प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंचे। ये विराट कोहली का तीसरा दौरा है। इससे पहले वह चार माह पहले 10 जनवरी 2025 को प्रेमानंद महाराज से मिलने गए थे।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान प्रेमानंद महाराज ने अनुष्का और विराट से उनका कुशल क्षेम पूछा। इस पर अनुष्का ने पूछा कि जब हम लोग यहां पिछली बार आए थे, तो मन में कुछ सवाल थे, जिन्हें मैं आपसे पूछ नहीं पाई थी। क्यों जो सवाल मेरे अंदर होते थे, वो कोई न कोई पूछ ही लेता था।
इस पर प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि श्री जी वो व्यवस्थाएं कर देती हैं। वो कहते विराट कोहली को संबोधित करते हुए कहते हैं कि जब ये विजयी होते हैं तो पूरे भारत में आनंद का माहौल होता है। पटाखे फूटते हैं, क्या ये इनकी साधना नहीं है। इनके साथ तो पूरे भारत का बच्चा-बच्चा खुश होता है।
असफलता में रखें धैर्य
विराट कोहली के में कैसे रहें? सवाल के जवाब में प्रेमानंद महाराज ने भगवान का ध्यान करते हुए धैर्य रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि धैर्य रखना सबसे अधिक कठिन होता है। क्योंकि जब आप असफलता में धैर्य के साथ मुस्कुराते हुए आगे बढ़ जाएं तो ये बड़ी बात होती है। रात है तो दिन का आना निश्चित है। इसलिए हमें धैर्यपूर्वक भगवान का ध्यान करना चाहिए। वह कहते हैं कि जो सम्मान सफलता में मिलता है, वो असफलता में नहीं मिलता है।
वहीं अनुष्का ने कहा कि मुझे तो आप प्रेम भक्ति दे दो बस। इस पर प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि ऐसा प्रतीत होता है कि आप पर भक्ति का विशेष प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि भक्ति के ऊपर कुछ भी नहीं है।
अपने पिछले दौरे के वक्त उन्होंने प्रेमानंद महाराज से सफलता का मंत्र पूछा था। उन्होंने पूछा था कि असफलता से कैसे निकलें। तब प्रेमानंद जी महाराज ने कोहली को सुझाव दिया था कि वो निरंतर अभ्यास करें और नियंत्रण के साथ आगे बढ़ें। उन्होंने कहा था कि जिस प्रकार से जप मेरे लिए साधना है, उसी प्रकार से क्रिकेट आप के लिए साधना है। उन्होंने ये भी बताया कि किसी भी चीज में अगर विजय पाना हो तो इसके लिए केवल दो चीजों की आवश्यकता होती है। ये दो चीजें है अभ्यास और प्रारब्ध। इसलिए भगवान के ज्ञान के साथ ही उनके नाम का जाप भी आवश्यक है।
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