शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम (सीजफायर) की घोषणा की गई। यह फैसला दोनों देशों के डीजीएमओ (सैन्य अभियान महानिदेशक) की बातचीत के बाद लिया गया। अब कई लोगों के मन में सवाल उठता है – DGMO आखिर होता कौन है? आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।
DGMO यानी डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस भारतीय सेना का एक बहुत ही अहम अधिकारी होता है। यह लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का सीनियर अफसर होता है। अभी भारत के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई हैं। उन्होंने अक्टूबर 2024 में इस पद को संभाला था। इससे पहले वे चिनार कॉर्प्स के कमांडर (GOC) के रूप में सेवा दे चुके हैं।
क्या होता है DGMO का काम?
सभी सैन्य ऑपरेशन DGMO की देखरेख में होते हैं। युद्ध के समय रणनीति (योजना) बनाना भी DGMO की जिम्मेदारी होती है। DGMO सीधे सेना प्रमुख (Army Chief) को रिपोर्ट करता है। सेना से जुड़ी सारी अहम जानकारियां DGMO के पास होती हैं। यह अधिकारी खुफिया एजेंसियों के साथ भी मिलकर काम करता है। युद्ध शुरू होने से लेकर युद्ध बंद होने (विराम) तक हर कदम पर DGMO की भूमिका अहम होती है। कुल मिलाकर, DGMO वह अधिकारी होता है जो सेना की रणनीतियों, योजनाओं और कार्रवाइयों को सुनियोजित और सुरक्षित तरीके से अंजाम देने का काम करता है।
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