‘आपरेशन सिंदूर’ : जवाब जरूरी था...
May 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

‘आपरेशन सिंदूर’ : जवाब जरूरी था…

पहलगाम में आतंकी हमले के बाद यह बेहद जरूरी था कि आतंकवादियों को सजा दी जाए। जो आतंकवादियों का समर्थन करते हैं उनको भी दंड दिया जाए। ऐसा भारत ने किया भी

by कैप्टन आलोक बसंल
May 11, 2025, 05:51 am IST
in भारत, विश्लेषण, जम्‍मू एवं कश्‍मीर
ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों को पाकिस्तान ने सैनिकों जैसा सम्मान दिया।

ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों को पाकिस्तान ने सैनिकों जैसा सम्मान दिया।

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

पहलगाम में 22 अप्रैल को जो आतंकी हमला हुआ उसे अंजाम देने वालों को स्थानीय कश्मीरियों की कतई चिंता नहीं थी। यदि ऐसा होता तो पर्यटकों को धर्म के आधार पर इस तरह निशाना नहीं बनाया जाता, क्योंकि पर्यटन से ही वहां के लोगों की रोजी-रोटी चलती है। इसके चलते ही यह पहली बार देखा गया कि हमले के खिलाफ कश्मीरी सड़क पर उतरे। दरअसल पाकिस्तान की सेना की रणनीति ही ऐसी है। जब उसके यहां ऐसी परिस्थितियां होती हैं कि उसे अपने आवाम का ध्यान उसके प्रति बढ़ रहे अंसतोष से भटकाना होता है तो वह ऐसी हरकत करता है।

योजनाबद्ध था हमारा हमला

कैप्टन आलोक बसंल
निदेशक, इंडिया फाउंडेशन

लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। बाद में जब पाकिस्तान पर दबाव बढ़ने लगा और उसके हुकमरानों को लगा कि मामला बिगड़ सकता है तो उसने अपना बयान वापस ले लिया। भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के मुख्यालय पर हमले किए, न कि सैन्य ठिकाने पर यह कार्रवाई किसी की अर्थव्यवस्था को गिराने की या नागरिकों के खिलाफ नहीं थी। भारत की खुफिया एजेंसी रॉ ने आतंकी ठिकानों की जानकारी जुटाई, उसे सैन्य बलों के साथ साझा किया। इसके बाद बेहद सधे तरीके से कार्रवाई की गई। जिसमें बड़ी संख्या में प्रक्षिशु आतंकी और कुछ बड़े कमांडर भी मारे गए।

पाकिस्तान से सवाल

यह संभव नहीं है कि पाकिस्तान के अंदर आतंकी संगठनों ने अपने ठिकाने बना रखे हों और उसे खबर नहीं। इसके दो मायने निकलते हैं, या तो पाकिस्तान इन आतंकी संगठनों का समर्थन कर रहा है, या फिर वह इन आतंकी संगठनों से डरता है। उसके पास उन्हेें काबू में रखने की क्षमता नहीं है। यदि ऐसा होता तो पाकिस्तान को भारत के इस कदम का स्वागत करना चाहिए था, क्योंकि वह यह दावा करता है कि आतंकवाद से उसका कुछ लेना-देना नहीं। ऐसे में भारत ने पाकिस्तान को आतंकवादियों से छुटकरा दिलाया है। हमने उनकी धरती पर जाकर आतंकवादी संगठनों को खत्म किया। एक तरह से हमने तो पाकिस्तान की आतंकवाद से लड़ने में मदद ही की।
दरअसल, पाकिस्तान को वहां चुनी हुई सरकार नहीं, बल्कि पाकिस्तान की सेना चलाती है। पाकिस्तान के अंदर उसका ही प्रभुत्व है, सेना ऐसा चाहती भी नहीं है कि उसके रुतबा वहां कम हो। इसके चलते सोची-समझी साजिश के तहत वह भारत विरोध को हवा देती रहती है। वह लोगों को बार-बार यह अहसास करवाती है कि पाकिस्तान को भारत से खतरा है। उसका अस्तित्व खतरे में है।

सीमा पर गोलीबारी

भारत द्वारा आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बाद पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पर फायरिंग शुरू कर दी। इसमें हमारे कई निर्दोष नागरिक मारे गए हैं। कुछ जगहों पर पाकिस्तानी सेना ने एलओसी को पार करने की चेष्टा भी की। इन हरकतों को देखते हुए यह लगता है कि पाकिस्तान युद्ध को बढ़ाना चाहता है। इसके पीछे भी पाकिस्तानी सेना की सोच यही है कि यदि उसने कुछ नहीं किया तो पाकिस्तानी आवाम उससे सवाल पूछेगी कि इतना सारा पैसा सेना पर खर्च होता है, इतने संसाधन सेना के पास हैं, फिर भी सेना हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठी है। जब पाकिस्तान के एबटाबाद में अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को मारा गया था तो वहां पाकिस्तान में सैकड़ों ऑटो के पीछे यह लिखा गया था, ‘जोर से हॉर्न न बजाएं, पाकिस्तान की सेना सो रही है’। पाकिस्तान की सेना पर महीनों तक तंज कसे गए थे।

झूठा विमर्श गढ़ने का प्रयास

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति तो बदहाल है ही, उसके पास इतना गोला-बारूद भी नहीं है। पाकिस्तान की ऐसी स्थिति ही नहीं है कि वह भारत के साथ ज्यादा दिनों तक युद्ध कर सके। कंगाली की कगार पर खड़े पाकिस्तान ने अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए पिछले दिनों बड़ी मात्रा में अपने हथियार और गोल—बारूद यूक्रेन को बेच दिए थे। उसके पास युद्ध लड़ने के लिए हथियारों की काफी कमी है।

पाकिस्तान अभी तक अपने पैरों पर खड़ा है, क्योंकि संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब ने काफी धन स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान में जमा कर रखा है। इसके बलबूते पाकिस्तान को इंटरनेशन मॉनिटरी फंड से पैसा मिल जाता है। इसी के मद्देनजर पाकिस्तान को एक और बड़ी किस्त मिलने वाली थी। उस पर भी अब प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है। भारत ने पाकिस्तान को मदद मुहैया कराने वाले सभी चैनलों को कहा है कि पाकिस्तान आतंकवादियों को प्रश्रय देता है, आतंकवाद को बढ़ावा देता है, इसलिए उसकी मदद नहीं की जानी चाहिए।

भारत के पास विकल्प

पाकिस्तान जो उत्पाद निर्यात करता है उनको भी हम रोक सकते हैं। पाकिस्तान सबसे ज्यादा कपास निर्यात करता है, अमेरिका को भी बड़ी मात्रा में कपास का निर्यात करना है, लेकिन फिलहाल उस पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर जो टैरिफ लगाया है वह भारत और बांग्लादेश के मुकाबले बहुत ज्यादा है। यदि भारत चाहे तो कपास के बाजार से पाकिस्तान को बाहर निकाल सकता है। इसके अलावा भारत को यूरोपीय संघ (ईयू) से बात करनी चाहिए, क्योंकि उसने पाकिस्तान को ‘जेनरलाइज्ड स्कीम आफ प्रीफरेंसेज प्लस’ (जीएसपी प्लस) दर्जा दे रखा है। इससे पाकिस्तान को फायदा मिल जाता है। यदि इसको हटा दिया जाए तो उसका निर्यात कम हो जाएगा।

अधिकांश देश नहीं चाहते युद्ध

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखें तो अधिकतर देश नहीं चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध बढ़े। दोनों परमाणु संपन्न देश हैं। ऐसे में उनकी भी कोशिश यही है कि किसी तरीके से युद्धविराम हो जाए। अमेरिका ने यह कहा भी है कि जल्दी से मामला खत्म हो जाए। चीन ने भारत की कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि वह आगे कुछ करेगा।

चीन की कोशिश सिर्फ वक्तव्यों तक ही सीमित रहने वाली है। चीन इस वक्त भारत से अच्छे संबंधों का इच्छुक है और वह यह नहीं चाहेगा कि इस वक्त इस विषय पर भारत से उसके संबंध खराब हो। जहां तक सवाल तुर्किये का है तो वह हम मजहबी होने के नाम पर पाकिस्तान के साथ खड़ा है। वह पाकिस्तान की मदद करने की कोशिश भी करेगा, लेकिन वह अपनी सेना को पाकिस्तान के साथ उतारेगा, ऐसा नहीं दिखाई देता। अधिकांश अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी यही चाहेगा कि भारत और पाकिस्तान के बीच में युद्ध न हो।

अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

युद्ध की स्थिति में दोनों ही राष्ट्रों की अर्थव्यवस्था पर इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा। पहले से चरमराई हुई पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था तो बिल्कुल ही डूब जाएगी। ऐसा इसलिए, क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था पाकिस्तान से बहुत बड़ी है। भारत के पास पूरे विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। सैन्य विकल्पों की बात करें तो भारत ने अपनी पूरी शक्ति पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल नहीं की है। अगर पाकिस्तान नहीं माना तो भारत उसे घुटनों पर ला देगा।

इस खबर पर नजर डालें-

सही समय पर सटीक प्रहार

 

Topics: लश्कर-ए-तैयबापाकिस्तान की आर्थिक स्थितिपाञ्चजन्य विशेषपहलगाम में आतंकी हमलाऑपरेशन सिंदूरपाकिस्तान के अंदर आतंकी संगठनभारत की खुफिया एजेंसी रॉ
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

jammu kashmir SIA raids in terror funding case

कश्मीर में SIA का एक्शन : पाकिस्तान से जुड़े स्लीपर सेल मॉड्यूल का भंडाफोड़, कई जिलों में छापेमारी

भारत की सख्त चेतावनी, संघर्ष विराम तोड़ा तो देंगे कड़ा जवाब, ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के 3 एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त

Operation sindoor

थल सेनाध्यक्ष ने शीर्ष सैन्य कमांडरों के साथ पश्चिमी सीमाओं की मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

राष्ट्र हित में प्रसारित हो संवाद : मुकुल कानितकर

उत्तराखंड : सीमा पर पहुंचे सीएम धामी, कहा- हमारी सीमाएं अभेद हैं, दुश्मन को करारा जवाब मिला

Operation sindoor

‘हर-हर-बम’ का फिर महोच्चार’: भारतीय सेना ने जारी किया Video, डीजीएमओ बैठक से पहले बड़ा संकेत

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ऑपरेशन सिंदूर के बाद असम में कड़ा एक्शन : अब तक 53 पाकिस्तान समर्थक गिरफ्तार, देशद्रोहियों की पहचान जारी…

jammu kashmir SIA raids in terror funding case

कश्मीर में SIA का एक्शन : पाकिस्तान से जुड़े स्लीपर सेल मॉड्यूल का भंडाफोड़, कई जिलों में छापेमारी

बागेश्वर बाबा (धीरेंद्र शास्त्री)

पाकिस्तान बिगड़ैल औलाद, जिसे सुधारा नहीं जा सकता : पंडित धीरेंद्र शास्त्री

शतरंज खेलना हराम है… : तालिबान ने जारी किया फतवा, अफगानिस्तान में लगा प्रतिबंध

चित्र प्रतीकात्मक नहीं है

पाकिस्तान पर बलूचों का कहर : दौड़ा-दौड़ाकर मारे सैनिक, छीने हथियार, आत्मघाती धमाके में 2 अफसर भी ढेर

प्रतीकात्मक चित्र

पाकिस्तान में बड़ा हमला: पेशावर में आत्मघाती विस्फोट, बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सैनिकों के हथियार छीने

स्वामी विवेकानंद

इंदौर में स्वामी विवेकानंद की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी स्थापित, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया भूमिपूजन

भारत की सख्त चेतावनी, संघर्ष विराम तोड़ा तो देंगे कड़ा जवाब, ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के 3 एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त

Operation sindoor

थल सेनाध्यक्ष ने शीर्ष सैन्य कमांडरों के साथ पश्चिमी सीमाओं की मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

राष्ट्र हित में प्रसारित हो संवाद : मुकुल कानितकर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies