ओडिशा सरकार और राज्य भाजपा इकाई ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद यूसुफ पठान द्वारा लगाए गए आरोपों को दृढ़ता से खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि बंगाल से आए मुस्लिम प्रवासी श्रमिकों के साथ ओडिशा में अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। पठान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर चिंता जताई थी। ओडिशा सरकार और भाजपा नेताओं ने इन आरोपों को निराधार और राजनीति से प्रेरित बताया है।
उल्लेखनीय है कि 2 मई को लिखे पत्र में, मुर्शिदाबाद से सांसद पठान ने आरोप लगाया कि बंगाल के जिलोंविशेष रूप से मुर्शिदाबाद और बेहरामपुर से आने वाले मुस्लिम प्रवासी मजदूरों को ओडिशा में प्रताड़ित किया जा रहा है, जिससे कई लोग दुखी होकर अपने घर लौटने को मजबूर हो गए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले की जांच करने और इन मजदूरों के अधिकारों और गरिमा की रक्षा करने की अपील की।
ओडिशा भाजपा प्रवक्ता अनिल बिस्वाल ने यूसुफ पठान पर जनता को गुमराह करने और एक संवेदनशील मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिन्हें “प्रवासी मजदूर” बताया जा रहा है, वे वास्तव में बांग्लादेश और रोहिंग्या समुदाय से आए अवैध घुसपैठिए हैं, जो फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारत में प्रवेश कर चुके हैं।
बिस्वाल ने कहा कि ये घुसपैठिए ओडिशा के सामाजिक सद्भाव और सांस्कृतिक ताने-बाने को बिगाड़ रहे हैं। उनके पास फर्जी पहचान पत्र हैं, जो बंगाल की सत्तारूढ़ सरकार की मदद से तैयार किये गये हैं, और वे अन्य राज्यों में भी इनकी वैधता का दावा करते हैं।
उन्होंने यूसुफ पठान की चुप्पी पर भी सवाल उठाया और पूछा कि जब मुर्शिदाबाद में हिंदुओं पर हमला हुआ था, तब आपकी आवाज कहां थी? उन्होंने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा से समझौता करने वालों को मानवाधिकारों की आड़ में बचाना नहीं चाहिए। हमें आतंकवाद और अवैध घुसपैठ से लड़ने पर ध्यान देना चाहिए, न कि ऐसे लोगों को बचाने पर जो राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर कर रहे हैं।
उधर ओडिशा सरकार ने भी युसुफ पठान के इन आरोपों को खारिज किया है। राज्य के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने स्पष्ट किया कि सरकार किसी समुदाय को निशाना नहीं बना रही है, बल्कि बिना वैध दस्तावेजों के राज्य में रह रहे अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
हरिचंदन ने कहा कि ओडिशा सरकार मुसलमानों को देश से बाहर नहीं निकाल रही है। हम केवल उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं जो पाकिस्तान और बांग्लादेश से अवैध रूप से आकर यहां रह रहे हैं और जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं हैं। मुस्लिम समुदाय का कोई भी वैध सदस्य इससे प्रभावित नहीं हो रहा है।
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