नैनीताल: हमेशा झील की तरह शांत रहने वाली नैनीताल नगरी में नाबालिग हिन्दू लड़की से दुष्कर्म की खबर आग की तरह फैलते ही हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों में गुस्सा फूट पड़ा। भीड़ ने मल्लीताल कोतवाली के बाहर धरना प्रदर्शन किया और आसपास रहने वाली मुस्लिम समुदाय की दुकानों घरों पर भी पथराव किया, जिसके बाद पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी। बावजूद इसके आक्रोशित भीड़ पुनः कोतवाली के बाहर जमा हो गई और आरोपी को बाहर निकालने की मांग करने लगी।
जानकारी के अनुसार, नाबालिग हिन्दू लड़की से पिछले दिनों हुए दुष्कर्म का यह मामला बुधवार देर शाम कोतवाली पहुंचा। लड़की के परिजनों की तहरीर के बाद जब उसे मेडिकल के लिए अस्पताल लेजाने लगे तो ये खबर आग की तरफ पूरे नैनीताल में फैल गई। थोड़ी देर बाद हिंदूवादी संगठनों के पदाधिकारियों को पता चला तो वे कोतवाली पहुंच गए। घटना के बारे में और लोगों को भी जानकारी मिल गई। इसके बाद गुस्साए लोगों की भीड़ मल्लीताल की सड़कों पर इकट्ठी हो गई। लोगों ने हंगामा करते हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों की दुकानों में तोड़फोड़ कर दी। वाहनों को भी निशाना बनाया। साथ ही कुछ दुकानदारों को बाहर निकालकर पीटा।
बचाने की कोशिश करने वालों पर भी डंडे चलाए। मारपीट नहीं रुकी तो मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। उपद्रव पर नियंत्रण के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा। इस दौरान कई लोगों के घायल होने की भी आशंका जताई जा रही है। शहर का माहौल खराब होने पर अचानक पूरा बाजार बंद हो गया। सांप्रदायिक तनाव की स्थिति देखते हुए भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई। इस बीच पकड़े गए आरोपी उस्मान को अपने हवाले करने की मांग करते हुए भीड़ ने मल्लीताल कोतवाली घेर ली। बाहर ही धरना शुरू कर दिया गया।
हंगामे के बाद मल्लीताल बाजार से तल्लीताल तक मुस्लिम समुदाय की दुकानें बंद हो गई। देर रात तक लोग आरोपी को कोतवाली से बाहर निकालने की मांग करते रहे। इसके लिए जमकर नारेबाजी भी की गई। एसपी डॉ. जगदीश चंद्र समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंच गए। पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी आंदोलनकारी लोगों को शांत रहने के लिए समझाते रहे।
ऐसा बताया गया घटना क्रम
बुधवार रात हुए बवाल की वजह बनी दुष्कर्म की घटना अभी पूरी तरह सामने नहीं आ पाई है। वहीं कोतवाली के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि हवस का शिकार हुई किशोरी की मां रिश्तेदारी में कहीं बाहर गई थी। पति और बच्चे यहीं थे। ऐसे में अपने घर का कामकाज कराने के लिए तीन दिन पहले उस्मान ने महिला की बेटी को अपने यहां बुला लिया था। उसने बालिका को 200 रुपये भी दिए। अगले दिन वह किशोरी को अपनी कार में ले गया और दुष्कर्म किया। उसने किशोरी को शहर की एक प्रमुख रोड पर उतार दिया और चला गया। किशोरी के घरवालों को जब जानकारी हुई तो बुधवार को उन्होंने पुलिस से संपर्क किया।
जिस अधेड उस्मान पर दुष्कर्म का आरोप लगा है, उसका बेटा यहां के सरकारी अस्पताल में ही डॉक्टर है। उसी अस्पताल में किशोरी का मेडिकल परीक्षण कराने की जब तैयारी की गई तो भीड़ आक्रोशित हो गई। भीड़ में कुछ लोगों का कहना था कि इस अस्पताल में किसी सूरत में मेडिकल परीक्षण सही नहीं होगा। मेडिकल के लिए किसी और विकल्प पर मांग की जाने लगी। एसपी डॉ जगदीश चंद्र से जब हालात के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बालिका के साथ दुष्कर्म का मामला आया है। आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है। घटना को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है। पुलिस शांति व्यवस्था बनाने की कोशिश कर रही है। आसपास के थानों से पुलिस बुला ली गई है। पीड़िता का मेडिकल कराया जा रहा है।
देर रात हंगामे के बाद किसी तरह पुलिस प्रशासन के अधिकारी गुस्साई भीड़ को शांत करने में सफल रहे, पुलिस अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि आरोपी के खिलाफ कड़ी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
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