जम्मू कश्मीर के सुरम्य पर्यटक स्थल पहलगाम में हुई जिहादी घटना के तार साफ तौर पर पाकिस्तान से जुड़ते दिखाई दे रहे हैं। इसीलिए भारत सरकार ने जवाबी कार्रवाई के तौर पर फिलहाल कुल पांच बड़े फैसले करके जिन्ना के देश को खबरदार किया है। उधर पाकिस्तान के नेताओं और सेनाध्यक्ष के अलावा आतंकी सरगनाओं ने भारत को घुड़कियां दिखाने की अपनी पुरानी हरकत अपनाई हुई है। इस सबके बीच, जहां विश्व के प्रमुख नेताओं की ओर से उस जिहादी हमले की भर्त्सना करते हुए हताहतों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं, वहीं दो इस्लामी देशों ने भी उस आतंकी हमले की खुलकर निंदा की है और अपनी ओर से अफसोस जाहिर किया है।
ये दो इस्लामी देश हैं सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई)। दोनों की ओर से जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की गई है। इस हमले में कई निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता और दुख व्यक्त किया गया है। सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने इस हमले की निंदा करते हुए पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
यूएई के विदेश मंत्रालय ने भी एक बयान जारी कर इस हमले को “अस्वीकार्य” बताया और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़े होने की बात कही है। इसके अलावा, ईरान, कुवैत और अन्य इस्लामी देशों ने भी इस हमले की निंदा की और आतंकवाद के विरुद्ध भारत को समर्थन देने की बात कही है।
बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेखी हसीना भी हमले से ‘बेहद आहत’ हैं। उन्होंने भी एक संदेश जारी करके इस संदर्भ में भारत के साथ खड़े होने की बात की है। हसीना ने आहत परिवारों के प्रति गहन दुख प्रकट करते हुए हमले को कायराना हरकत करार दिया है। बांग्लादेश की सुप्रसिद्ध लेखिका तस्लीमा नसरीन ने भी एक्स पर हमले को लेकर आक्रोश व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि ऐसे हमले तब तक नहीं रुकेंगे जब तक कट्टर इस्लामी तत्व इस धरती पर मौजूद रहेंगे। समस्या की जड़ में वही हैं, उनका सही इलाज हुए बिना इस प्रकार की जिहादी वारदातों को अंजाम दिया जाता रहेगा।
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उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले के बाद अपनी सऊदी अरब यात्रा को बीच में ही रोककर भारत लौटने का फैसला किया। उन्होंने इस हमले को “कायराना कृत्य” बताया और आतंकवादियों को न्याय के तहत लाने का संकल्प लिया।
इस हमले के बाद सुरक्षा बलों ने पहलगाम और आसपास के इलाकों में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। सेना, सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस द्वारा आतंकवादियों की तलाश की जा रही है। यह हमला 2019 में पुलवामा हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे बड़ा आतंकवादी हमला माना जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस हमले की निंदा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाने की बात कही है।
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