नई टिहरी: टिहरी नरेंद्रनगर के राजमहल में 22 अप्रैल (आज) को सुहागिन महिलाओं द्वारा व्रत रखते हुए, पीले वस्त्र धारण कर भगवान बद्री विशाल के अभिषेक के लिए, टिहरी की सांसद व महारानी राज्य लक्ष्मी शाह की अगुवाई में तिलों का तेल पिरोया जाएगा।
उल्लेखनीय है टिहरी राज घराने द्वारा ही भगवान बद्रीविशाल के धाम के कपाट खुलने से पूर्व पूजन प्रबंधन की परम्परा सदियों से चली आ रही है। तेल पिरोए जाने के लिए राजमहल को रंग-बिरंगी, फूल- मालाओं से एक उत्सव रूप में सजाया गया है। 22 अप्रैल को नगर की सुहागिन महिलाएं सिलबट्टे और मूसल से तिलों का तेल पिरोएंगे। इसी तेल से 6 माह तक भगवान बद्री विशाल का अभिषेक किए जाने की धार्मिक परंपरा है।
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आज मंगलवार को ही तिलों के तेल को एक विशेष बर्तन में जड़ी बूटी डालकर आंच में पूरी तरह पकाने के बाद, चांदी के बर्तन में परिपूरित कर व विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना करने के साथ ही राज परिवार द्वारा भगवान बद्री विशाल के डिम्मरी पुजारी समुदाय को सौंप दिया जायेगा। 22 अप्रैल, मंगलवार सायं को गाजे-बाजे के साथ नरेंद्रनगर के राजमहल से विशाल गाडू घड़ा तेल कलश शोभा यात्रा भगवान बद्रीनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी। यहीं से चार धाम यात्रा की शुरुआत मानी जाती है, यह पौराणिक परंपरा सदियों से चली आ रही है।
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जानकारी के अनुसार, 22 अप्रैल को नरेंद्र नगर के राज दरबार से प्रारंभ हुई तेल कलश शोभा यात्रा, 3 मई को बद्रीनाथ धाम पहुंचेगी, और 4 अप्रैल को प्रातः 6:00 बजे भगवान बद्री विशाल के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।
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