मुंबई हमले के गुनाहगार तहव्वुर हुसैन राणा की जल्द ही उस गवाह से मुलाकात कराई जाएगी, जिसने 2008 में राणा के कहने मुंबई की रेकी करने आए डेविड कोलमैन हे़डली की सहायता की थी। उससे रहने खाने और उसकी यात्रा तक में मदद की थी। जांच एजेंसियों का कहना है कि यह रहस्यमयी गवाह राणा के बेहद करीबियों में से एक है। इसी कारण अदालत में भी इसकी पहचान को सीक्रेट रखा गया है।
लाइव हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, इस गवाह को सीक्रेट रखने के पीछे का मकसद ये है कि उसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकियों से बचाया जा सके। राष्ट्रीय जांच एजेंसी का कहना है कि भारत पर हमले की साजिश 2006 से ही रची जा रही थी। उसी दौरान डेविड कोलमैन हेडली पाकिस्तान जाता है और वहां लश्कर ए तैयबा के अपने आतंकी आकाओं से मिलता है। वहां से उसे भारत आने का निर्देश मिलता है, जिसके बाद सितंबर 2006 में वो भारत आता है।
भारत में लैंड होते ही उसका स्वागत तहव्वुर हुसैन राणा का एक करीबी करता है। अब एनआईए उसे ही अपना गवाह बना चुकी है।
एनआईए ने किया नया खुलासा
एनआईए ने खुलासा किया है कि 2006 में आतंकियों ने भारत पर हमले की तैयारी शुरू कर दी थी। अपनी योजना को अंजाम देने के लिए हेडली को भारत रेकी के लिए भेजा गया। उस दौरान उसने, दिल्ली, गोवा, केरल समेत कई जगहों की रेकी की। इसके बाद इनपु्ट्स अपने आकाओं को भेजा। बाद में मुंबई को फाइनल किया गया। जब हमले की तैयारी पूरी हो गई तो 2008 में दुबई में राणा किसी और योजनाकार से भी मिला था। उसी ने राणा को भारत से दूर रहने की सलाह दी थी।
इसे भी पढ़ें: 26/11 के गुनहगार तहव्वुर राणा से NIA की पूछताछ शुरू : पाकिस्तान कनेक्शन और भारत में स्लीपर सेल पर बड़ा खुलासा संभव
गौरतलब है कि तहव्वुर हुसैन राणा को गुरुवार को अमेरिका से भारत लाया गया था। फिलहाल वो 18 दिनों की एनआईए रिमांड पर है। इस दौरान एजेंसियां उससे जानकारियां निकलवाने में लगी हुई हैं। एनआईए की स्पेशल सेल में रखा गया है। जांच एजेंसी को शक है कि राणा कहीं आत्महत्या न कर ले। इसलिए उसके सेल की सुरक्षा को और अधिक चाक चौबंद कर दिया गया है।
कौन है तहव्वुर राणा
तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। ये पहले पाकिस्तानी सेना में कैप्टन की रैंक पर था। ये कनाडा में बिजनेस करता था। उसी के जरिए उसने डेविड कोलमैन हेडली को मुंबई की रेकी करने के लिए भेजा था। इसके बाद उसने इसके आंकड़े अपने पाकिस्तानी आकाओं को भेजा, जिसके बाद आतंकी मुंबई में घुसे। 26/11 हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी।
टिप्पणियाँ