हिजाब के लिए सादिया की जिद और सऊदी अरब की 2002 स्कूल आग
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

जोधपुर में हिजाब लेने गई सादिया की मौत, ताजा हुई सऊदी अरब की घटना, ऐसी घटनाओं का जिम्मेदार कौन?

जोधपुर में 19 वर्षीय सादिया की हिजाब के कारण आग में हुई दुखद मौत और सऊदी अरब के 2002 स्कूल आग हादसे की समानता की कहानी।

by सोनाली मिश्रा
Apr 11, 2025, 08:20 pm IST
in भारत
Hijab Sadia Saudi arab School fire incident

हिजाब के लिए सादिया की जान चली गई (फोटो साभार: सुदर्शन न्यूज)

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

जोधपुर में 19 वर्षीय लड़की सादिया की घर में लगी आग से जलकर मौत हो गई। सादिया की जान बच सकती थी। वह घर से बाहर भी आ गई थी।

सादिया 11 वर्ष की उम्र से ही हिजाब में रह रही थी और यह भी कहा जा रहा है कि वह दीनी तालीम भी ले रही थी। परिवार हज जाने की तैयारी कर रहा था। पूरा परिवार एक साथ बैठकर खाना खाने जा रहा था। गैस सिलेंडर फटने के कारण घर में आग लग गई और जब घर में आग लगी तो सादिया ऊपर के कमरे में बैठकर नमाज पढ़ रही थी। उसने अपने घरवालों को फोन करके बताया कि वह कहां फंसी है, तो उसके चाचा और अग्निशमन कर्मचारी उसे बचाने के लिए भी आ गए थे। वह कमरे से बाहर निकल भी आई थी, मगर फिर उसे याद आया कि वह अपना हिजाब तो कमरे में ही भूल आई है, वह उसे लेने के लिए कमरे के भीतर गई और जलता हुआ दरवाजा उस पर गिर गया। हालांकि उसे आग के बीच से तो निकाल लिया, मगर अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई।

यह दुखद है कि एक हिजाब की जिद्द के चलते 19 साल की एक लड़की को अपने प्राणों से हाथ धोना पड़ा। जब भी लोग हिजाब को पर्सनल चॉइस कहते हैं, तो उस समय सादिया के उदाहरण से यह भी समझने का प्रयास करना चाहिए कि क्या पर्सनल चॉइस इस सीमा तक जुनूनी हो सकती है कि वह आग का दरिया ही न देखे? या फिर यह बचपन से ही की गई किसी ब्रेन वाशिंग के कारण हो सकती है?

भारत में शायद यह पहली ऐसी घटना होगी जो हिजाब के कारण किसी मुस्लिम लड़की की जान गई हो। वैसे तो हिजाब के चलते कई जानें जा चुकी हैं, जैसे ईरान में लगातार जा रही हैं। मगर वहाँ पर जान जाने और भारत के जोधपुर में सादिया की मौत में अंतर है, क्योंकि ईरान में लड़कियां इस कारण मारी जा रही हैं क्योंकि वे अनिवार्य हिजाब की कैद से बाहर आना चाहती हैं।

सादिया की मौत ने सऊदी अरब की घटना को कर दिया ताजा

सादिया की इस दर्दनाक मौत की तुलना की जाए तो वर्ष 2002 में सऊदी में घटित एक घटना याद आती है, जिसमें एक स्कूल में लगी आग में 15 बच्चियों की केवल इसलिए जलकर मौत हो गई थी, क्योंकि मजहबी पुलिस के सदस्यों ने सिविल डिफेंस के अधिकारियों को प्रवेश करने से और छात्राओं को बाहर जाने देने से इनकार कर दिया था, क्योंकि लड़कियों ने अबाया नहीं पहना था।

वर्तमान में सऊदी में अबाया को लेकर नियम उतने सख्त नहीं है। परंतु 2002 में ऐसा नहीं था। इस घटना में 15 लड़कियां केवल अबाया की जिद्द के चलते जान से हाथ धो बैठी थीं। इस घटना के कारण इस्लामिक जगत में काफी सवाल उठे थे और यह भी पूछा गया था कि क्या अबाया इतना महत्वपूर्ण है कि इसके लिए लड़कियां जलकर मर जाएं?

हालांकि देश और विदेश में इस घटना को लेकर हो रही आलोचनाओं के बीच सऊदी सरकार ने एक जांच करवाई थी, जिसमें यह निष्कर्ष निकाला था कि स्कूल के अधिकारियों द्वारा स्कूल में अग्नि से सुरक्षा के उचित उपाय न होने के कारण इतनी बड़ी दुर्घटना हुई थी। सरकार ने इन आरोपों का खंडन कर दिया था कि मजहबी पुलिस का कोई भी कदम इन मौतों के लिए जिम्मेदार था।

कई प्रत्यक्षदर्शियों एवं सिविल डिफेंस अधिकारियों के बयान इससे इतर गवाही दे रहे थे। arab news के अनुसार, “अरब न्यूज़ की एक टीम ने कल स्कूल का दौरा किया और पाया कि आग लगने के बाद इमारत से बाहर निकलने की जल्दी में लड़कियों ने काफी संख्या में अबाया (काले गाउन), जूते और बैग छोड़ दिए थे।” इस घटना के बाद लड़कियों की शिक्षा का संचालन करने वाली जनरल प्रेसीडेंसी को समाप्त कर दिया था, जिसका नियंत्रण रूढ़िवादी मौलानाओं के हाथों में था।

उस घटना में इसलिए और लड़कियां घिर गई थीं, क्योंकि जब आग लगी तो स्कूल की मुख्य इमारत का ताला बंद था, और इसे खोलने और बंद करने वाला पुरुष गार्ड उस समय वहाँ नहीं था। अग्निशमन अधिकारी समय से स्कूल पहुँच गए थे, मगर स्कूल के बाहर घूमने वाली मजहबी पुलिस के सदस्यों ने किसी भी अधिकारी को इसलिए अंदर नहीं जाने दिया था, क्योंकि स्कूल के अंदर लड़कियां और फ़ीमेल कर्मी अपनी उस पोशाक में नहीं थीं, जिसमें वे घर से आती थीं और घर जाती थीं। समय बर्बाद होता रहा और लड़कियां अंदर जलती रहीं।

मगर जोधपुर में घर के मर्द सादिया को बचाने के लिए पहुँच गए थे, वह बाहर भी आ गई थी, लेकिन हिजाब लेने के लिए वह फर घर में गई और आग में फंस गई। क्या इसे भी ‘हिजाब इज अ पर्सनल चॉइस’ कहकर खारिज किया जाएगा, या फिर इतनी जिद्द क्यों है, इस पर बात होगी?

Topics: Jodhpur fire tragedySadiya Hijab deathSaudi Arabia 2002 school firegas cylinder explosion Jodhpurजोधपुर हिजाब सादिय#hijabहिजाब मौतहिजाबजोधपुर आग त्रासदीसादिया हिजाब मौतसऊदी अरब 2002 स्कूल आगगैस सिलेंडर विस्फोट जोधपुर
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

‘ऑपरेशन सिंदूर’ : सेना का गर्वीला अभियान, लेकिन फेमिनिस्टों को सिंदूर नाम से परेशानी, कर रहीं ‘विलाप’

Iran hijab protest women raised slogan dictator death

ईरान नया हिजाब कानून लागू करने की तैयारी में, कही ये बात

Eifell tower Merrachi

डच मुस्लिम फैशन ब्रांड मेराकी ने अपने विज्ञापन में पहनाया एफिल टावर को हिजाब: लोग भड़के

Iran hijab protest women raised slogan dictator death

ईरान में गहराता इस्लामी कट्टरपंथ: महिलाओं के लिए हिजाब अनिवार्यता के लिए नजर ऐप, ड्रोन का हो रहा इस्तेमाल

"हिजाब" पहने छात्राएं (चित्र - प्रतीकात्मक)

मुस्लिम छात्राओं ने हिजाब उतारने से किया मना, नहीं दिया एग्जाम, घर लौटीं

Iran hijab protest women raised slogan dictator death

ईरान में हिजाब विरोध: युवती ने अली खामनेई के खिलाफ लगाए ‘तानाशाह की मौत के नारे’, गिरफ्तार, सुलग रही विरोध की आग

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies