इजरायल के साथ तनावों को और बढ़ाने के लिए ईरान नए नए फंडे अपना रहा है। अब वह कॉन्ट्रैक्ट किलिंग के लिए भाड़े पर लोगों की हायरिंग कर रहा है। सोशल मीडिया के जरिए वह स्वीडन में 14 साल की उम्र तक के किशोरों को भर्ती कर रहा है, जो इजरायलियों को मारने के लिए बम विस्फोट और प्वाइंट ब्लैंक रेंज से गोली मार सकें। इसके लिए वह 150,000 डॉलर तक की पेशकश कर रहा है।
सीएनएन की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि ईरान ने सोशल मीडिया पर विज्ञापन दिए हैं, जिसमें उसने कहा, “हमें बहुत सारे शूटर चाहिए, स्वीडन में नौकरी चाहिए, डेनमार्क के लिए शूटर की जरूरत है, जो सिर पर गोली मार सके और 150,000 डॉलर तक की पेशकश की गई है। स्वीडिश सुरक्षा सेवा (SAPO) के साथ स्टाकहोम में इजरायली दूतावास पर आतंकी हमले की जांच के दौरान इसका पता चला। जांच में पता चला है कि पिछले साल इजरायली दूतावास पर गोलीबारी 14 साल के ही एक लड़के ने की थी, जो अपने साथ 9 एमएम की पिस्टल लिए था।
कानूनी खामियों का उठा रहे फायदा
सीएएन की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरान स्वीडिश कानून की खामियों का फायदा उठा रहा है। वो ये जानता है कि है कि वहां 18 साल से कम उम्र के किशोरों को सजा नहीं दी जा सकती है। पिछले वर्ष भी ऐसा ही हुआ था। इजरायली दूतावास पर फायरिंग करने वाले 14 वर्षीय युवा को बाइज्जत छोड़ दिया गया। SAPO का आरोप है कि पिछले वर्ष स्टाकहोम में इजरायली दूतावास पर किए गए हमले ईरान के द्वारा किराए पर नियुक्त किए गए गिरोहों ने किया था।
जांच में ये भी पता चला कि पिछले साल इजरायली दूतावास में हमला करने वालों दो प्रतिद्वंद्वी स्वीडिश गिरोहों फॉक्सट्रॉट और रूंबा ने ईरान की ओर से ये हमले किए थे। SAPO का कहना है कि स्वीडन में ऑर्गनाइज्ड क्राइम बड़ी कमजोरी है। जिसका फायदा ईरान प्रॉक्सी के तौर पर उठा रहा है।
गौरतलब है कि मिडिल ईस्ट में ईरान इजरायल को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है। इसका एक कारण ये भी है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम का इजरायल लगातार विरोध कर रहा है। उसने हिजबुल्लाह और हमास को तबाह कर दिया है।
टिप्पणियाँ