नई दिल्ली (हि.स.) । विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने शुक्रवार को लोकसभा में पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के चिंताजनक हालत की जानकारी दी। पड़ोसी देश पाकिस्तान को कट्टर और दुराग्रह मानसिकता से ग्रसित बताते हुए उन्होंने कहा कि इसे बदला नहीं जा सकता।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पाकिस्तान और बांग्लादेश से जुड़े कुछ प्रश्नों का उत्तर देते हुए डॉ. जयशंकर ने बताया कि भारत पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर करीबी से नजर बनाए रखे हुए है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में पिछले महीने फरवरी में ही हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के 10 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा सिखों के खिलाफ तीन और अहमदिया के खिलाफ दो और एक ईसाई समुदाय के खिलाफ मामला सामने आया है।
उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारतीय प्रतिनिधि ने हाल ही में इसका मुद्दा उठाया था। भारत ने कहा था कि पाकिस्तान में ‘मानवाधिकारों के हनन, अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और लोकतांत्रिक मूल्यों को चरणबद्ध तरीके से खंडित किया जा रहा है।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर उन्होंने बताया कि 2024 में इस तरह के 2400 से अधिक मामले प्रकाश में आए हैं। वहीं, 2025 में अब तक 72 मामले सामने आ चुके हैं। इस बारे में उन्होंने अपने समकक्ष से बातचीत की है और विदेश सचिव भी पड़ोसी देश गए थे। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों की स्थिति हमारे लिए चिंता का सबब बनी हुई है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम ऐसे पड़ोसी देश की मानसिकता नहीं बदल सकते जिसकी सोच धर्मांधता और कट्टरता वाली है। डॉ. जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान कट्टर और दुराग्रह मानसिकता से ग्रसित है और हम एक देश और सरकार के तौर इसे बदल नहीं सकते। ऐसे देश की मानसिकता तो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी नहीं बदल पाई थीं।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान से आने वाले अल्पसंख्यकों को भारत शरण देता है और उन्हें लंबे समय के लिए वीजा सुविधा प्रदान करता है। 2014 तक भारत ने 15090 वीजा जारी किए थे।
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