देहरादून। नेपाल सीमा पर खटीमा क्षेत्र में में चल रहे अवैध मदरसों को उधम सिंह नगर जिला प्रशासन के विशेष दस्ते ने सील कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, शासन के निर्देश पर आज डीएम ने टीम गठित की थी। अभी तक उत्तराखंड में कुल 52 अवैध मदरसे सील हो चुके हैं।
उत्तराखंड सरकार अवैध अतिक्रमण पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है और मुस्लिम संगठनों के विरोध के बावजूद अपनी कार्रवाई जारी रखे हुए है। देहरादून और उधम सिंह नगर जिले में अवैध मदरसों को सील किए जाने का अभियान जारी रखा। अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय ने बताया कि खटीमा में 11 अवैध मदरसे पिछले दिनों प्रशासन ने चिन्हित किए थे, साथ ही तीन पंजीकृत मदरसों की पुष्टि हुई थी। इनमें से 9 को आज सील कर दिया गया है। नेपाल बॉर्डर पर अवैध मदरसे होने की सूचनाओं को उत्तराखंड के पुलिस खुफिया विभाग ने भी गंभीरता से लिया था।
उधर देहरादून जिला प्रशासन ने जिले में एक बार पुनः सख्त कार्रवाई करते हुए 12 और अवैध मदरसों को सील कर दिया। विकास नगर के एसडीएम विनोद कुमार के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम ने आज अपने परगना क्षेत्र में 12 अवैध मदरसों को ताला लगाते हुए सील कर दिया। सीलिंग की कारवाई करते वक्त मुस्लिम संगठन के लोगों ने प्रशासनिक टीम के साथ बहस भी की।
उल्लेखनीय है कि ये अवैध मदरसे बिना पंजीकरण के चलाए जा रहे थे और इनकी पहचान पुलिस प्रशासन के ज्वाइंट सर्वे में हुई थी।
उधर उत्तराखंड बाल सुधार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ गीता खन्ना ने अवैध मदरसों के खिलाफ धामी सरकार की कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा है कि आयोग द्वारा पूर्व में शासन को इस आशय की रिपोर्ट भी प्रेषित की थी। आयोग का कहना है कि इन मदरसों में बच्चों के साथ अच्छा सलूक नहीं होने की शिकायतें आ रही थी।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी स्पष्ट किया है कि जो अवैध मदरसे हैं उनके खिलाफ सत्यापन के बाद ही कार्रवाई की जा रही है।जो पंजीकृत मदरसे हैं उन पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। हम पहले ही कह चुके हैं जो गलत हैं वो स्वयं ही अपने कृत्य बंद कर दें अन्यथा प्रशासन अपनी कार्रवाई करेगा।
उत्तराखंड में 500 से अधिक अवैध मदरसे हैं, जिन्हें शासन ने एक सर्वे रिपोर्ट में पहचाना है। इन्हीं मदरसों को सील करने की कार्रवाई जारी है।
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