बद्रीनाथ से आगे माणा गांव के पास शुक्रवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां हिमालय का ग्लेशियर टूटने से 57 मजदूर दब गए, जिनमें से 17 को निकाल लिया गया है। शेष 40 की तलाश में सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ की टीमें लगी हुई हैं। घायलों का इलाज आईटीबीपी के अस्पताल में किया जा रहा है।
सेना द्वारा जारी सूचना में बताया गया कि बद्रीनाथ धाम में माणा गांव के पास ग्लेशियर टूटने से 57 मजदूर दब गए थे। ये मजदूर ,सीमा सड़क संगठन के द्वारा बनाई जा रही सड़क पर काम करते थे और ठेकदार द्वारा बाहरी राज्यों से लाए गए थे। मजदूरों के टीन शेड कैंप पर ही ग्लेशियर टूटकर आ गिरा।
सुबह से पहाड़ों पर मौसम खराब था और बर्फबारी हो रही थी। हादसे की सूचना मिलते ही सेना और आईटीबीपी कैंप से जवानों का दल और अधिकारी मौके पर पहुंचे और बचाव का काम शुरू हुआ। खबर है कि 17 श्रमिकों को बर्फ से निकाल कर आईटीबीपी के अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज किया गया है। शेष श्रमिकों की तलाश जारी है। मौके पर एनडीआरएफ और जिला प्रशासन के अधिकारी भी पहुंच गए हैं। मौसम ज्यादा खराब होने की वजह से घायलों को हेलीकॉप्टर से लिफ्ट नहीं किया जा सका है।
आपदा परिचालन केंद्र पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर धामी
घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने आवास से बैठकें स्थगित करके आपदा परिचालन केंद्र पहुंचे और जनपद चमोली के माणा गांव के निकट हिमस्खलन घटना की जानकारी लेते हुए बचाव एजेंसियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। आपदा केंद्र में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस प्रशासन और आपदा प्रबंधन के उच्च अधिकारी भी मौजूद रहे। सीएम धामी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि खराब मौसम की वजह से बचाव में दिक्कतें जरूर आ रही हैं, लेकिन सेना, आईटीबीपी एनडीआरएफ के जवान बर्फ में दबे लोगों की तलाश कर रहे हैं। जोशीमठ,श्रीनगर, एम्स ऋषिकेश अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। केंद्र सरकार की एजेंसियां भी बचाव कार्यों की लगातार समीक्षा कर रही हैं।
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