गत दिनों रायपुर स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान (आई.आई.एम.) में लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की जन्म त्रिशताब्दी पर एक व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित हुआ।
इस अवसर पर देश के विभिन्न प्रदेशों से आए विद्यार्थियों ने अहिल्याबाई होलकर के कार्यों से प्रबंधन के सबक के लिए विभिन्न बातें जानीं। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. टोपलाल वर्मा ने कहा कि अहिल्याबाई होलकर 18 विधाओं में निपुण थीं। वे 28 वर्ष तक कुशल प्रशासक रहीं।
शिवाजी महाराज का राज्य अष्ट प्रधान होता था, जबकि अहिल्याबाई ने 37 प्रधान बनाए और पूरे मालवा में गुरुकुल की स्थापना की। उन्होंने अनुसंधान को बढ़ावा देते हुए 19 अध्येताओं की नियुक्ति की। मालवा को आतंकियों से मुक्त करवाने की शर्त पर उन्होंने अपनी पुत्री का विवाह एक जनजातीय युवक से किया।
अहिल्याबाई होल्कर का जीवन केवल सुनने या समझने मात्र का नहीं, अपितु राष्ट्र निर्माण की दिशा में आत्मसात करने का विषय है। कार्यक्रम में 300 विद्यार्थी और 5 प्राध्यापक उपस्थित रहे।
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