भारत और बांग्लादेश के बीच हुई इस महत्वपूर्ण पर बेनतीजा रही बैठक के संबंध में विशेषज्ञों का कहना है कि इस बैठक को संवाद का एक नया माध्यम स्थापित करने और सुरक्षा चिंताओं को दूर करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत के सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर बांग्लादेश का इसे विवाद का विषय बनाना समझ से परे है।
भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा विवाद को लेकर हाल ही में चार दिवसीय बैठक हुई थी। नई दिल्ली में 17 से 20 फरवरी 2025 तक चली इस बैठक में दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों के महानिदेशकों ने भाग लिया। अनेक मुद्दों पर चर्चा तो हुई लेकिन बांग्लादेश के अड़ियल और अक्खड़ रवैए की वजह से यह नहीं कहा जा सकता कि इस बैठक में कोई ठोस समाधान निकला।
भारत के सीमा सुरक्षा बल और बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड्स के महानिदेशों की इस बैठक का मुख्य उद्देश्य था सीमा पर बाड़ लगाने, सीमा पार अपराध, मानव तस्करी और नशीले पदार्थों की तस्करी जैसे मुद्दों के समाधान की चिंता करना। बांग्लादेश ने भारत द्वारा सीमा पर बाड़ लगाने की कोशिशों को द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन बताया। उसके अनुसार भारत की इस कार्रवाई ने दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ाया है। भारत ने स्पष्ट कहा कि यह काम अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए हो रहा है, लेकिन उधर बांग्लादेश के अधिकारियों का कुतर्क था कि इससे सीमांत गांवों के लोगों को परेशानी हो रही है।
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दोनों देशों के महानिदेशकों ने सीमा पर सुरक्षा और व्यापार का बुनियादी ढांचा खड़ा करने पर बात की। इस बैठक के संदर्भ में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि “बीएसएफ और बीजीबी (बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश) के बीच महानिदेशक स्तर की वार्ता के दौरान सीमा से जुड़े अनेक मुद्दों पर चर्चा प्रस्तावित है। हमें उम्मीद है कि सभी परस्पर सहमत पत्रों और समझौतों का सम्मान किया जाएगा।” लेकिन बैठक में बांग्लादेश का व्यवहार इस ओर नकारात्मक दिखाई दिया।
बांग्लादेशी महानिदेशक ने भारत पर आरोप मढ़ते हुए कहा कि वह सीमा पर पांच अलग-अलग जगहों पर बाड़ लगाने की कोशिश कर रहा है, जो द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है। लेकिन इसके जवाब में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने बांग्लादेश के विदेश सचिव मोहम्मद जशीमुद्दीन से अपनी मुलाकात में इस बारे में भारत की प्रतिबद्धता के बारे में साफ बता दिया था। प्रणय वर्मा का कहना था कि ऐसा अपराध मुक्त सीमा सुनिश्चित करने, तस्करी, अपराधियों की आवाजाही और मानव तस्करी की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने के लिए किया जा रहा है।
भारत और बांग्लादेश के बीच हुई इस महत्वपूर्ण पर बेनतीजा रही बैठक के संबंध में विशेषज्ञों का कहना है कि इस बैठक को संवाद का एक नया माध्यम स्थापित करने और सुरक्षा चिंताओं को दूर करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत के सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर बांग्लादेश का इसे विवाद का विषय बनाना समझ से परे है। भारत अगर ऐसा अवैध घुसपैठ और तस्करी को रोकने के लिए एक आवश्यक उपाय के तौर पर कर रहा है तो इससे पड़ोसी देश को परेशानी क्यों होनी चाहिए! सीमांत गांवों के लोगों को इससे दिक्कत क्यों हो सकती है?
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यहां ध्यान देने की बात है कि यह बैठक दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच हुई है। विशेषज्ञों ने ध्यान दिया कि बांग्लादेश की यूनुस की अंतरिम सरकार पिछले समझौतों की समीक्षा की आड़ में सीमा पर बाड़ को ‘अनधिकृत निर्माण’ बता रहा है, जो बेवजह की बात लगती है।
बांग्लादेश को भारत द्वारा सीसीटीवी कैमरे और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स सहित उच्च तकनीक वाली निगरानी प्रणालियों के कार्यान्वयन से भी दिक्कत है। उसका कहना है कि इससे उनकी ‘संप्रभुता और गोपनीयता को लेकर चिंताएं पैदा हुई हैं’। हालांकि बैठक के बाद दोनों महानिदेशक इस बात पर सहमत हुए कि सीमा विवादों को हल करने और सीमांत लोगों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए निरंतर संवाद और सहयोग आवश्यक है।
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