तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन सनातन धर्म के बाद अब हिंदी भाषा के विरोध में उतरे हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी के कारण तमिल भाषा विलुप्त हो सकती है। अगर हिंदी को तमिलनाडु में लागू किया गया, तो यहां भी अन्य उत्तर भारतीय भाषाओं की तरह तमिल का भी अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हिंदी ने उत्तर भारत में कई स्थानीय भाषाओं, जैसे राजस्थानी, हरियाणवी, भोजपुरी आदि को समाप्त कर दिया है और अब हिंदी प्रमुख भाषा बन गई है। उनका कहना था कि तमिल लोग ऐसे स्कूलों में पढ़ते हैं जहां हिंदी नहीं पढ़ाई जाती।
स्टालिन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर तमिलनाडु को केंद्रीय फंड मिलना बंद कर दिया, तो राज्य स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो सकते हैं। इसके अलावा, वीसीके अध्यक्ष टोला थिरुमावलवन ने भी कहा कि बीजेपी हिंदी को इसलिए थोप रही है क्योंकि वह ‘एक राष्ट्र, एक भाषा’ की नीति लागू करना चाहती है, जिससे हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाया जा सके।
सितंबर 2023 में, स्टालिन ने सनातन धर्म का विरोध करते हुए कहा था कि कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिन्हें जड़ से उखाड़ फेंकना चाहिए, जैसे डेंगू, मच्छर, मलेरिया और कोरोना वायरस को खत्म करने की जरूरत होती है, वैसे ही सनातन धर्म को भी समाप्त करना चाहिए।
टिप्पणियाँ