अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीक्रेट सर्विस को आदेश दिया है कि वो उनकी हत्या की कोशिश करने वाले का पता लगाए। ट्रंप का कहना है कि वो ये जानने के हकदार हैं। डोनाल्ड ट्रंप इस मामले में विदेशी ताकतों का हाथ होने की तरफ इशारा किया है। उन्होंने सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों से सवाल किया है कि आखिर वे दो लोग जिन्होंने उन पर हमले किए थे, उनके मोबाइल में विदेशी ऐप कैसे थे।
क्या है पूरा मामला
मामला कुछ यूं है कि पिछले साल डोनाल्ड ट्रंप पर चुनाव प्रचार के दौरान जानलेवा हमला किया गया था। पेंसिलवेनिया में चुनाव प्रचार के दौरान 13 जुलाई 2024 को एक हमलावर ने उन्हें गोली मारी थी और गोली ट्रंप के कान को चीरती हुई गुजर गई थी। इस हमले में एक समर्थक की मौत हो गई थी, जबकि दो अन्य बुरी तरह से घायल हो गए थे। हालांकि, बाद में सुरक्षा बलों ने उन्हें ढेर कर दिया था। इसके बाद 15 सितंबर 2024 को फ्लोरिडा के गोल्फ क्लब के पास उन पर हमला करने की कोशिश की गई थी।
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हालांकि, इस हमले को भी अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों ने रोक दिया था। अधिकारियों ने हमलावर को एक झाड़ी के पीछे से पकड़ा था, उसके पास से एके-47 असॉल्ट राइफल, एक गो प्रो और दो बैकपैक जब्त किया था। लेकिन, अब जब ट्रंप राष्ट्रपति बन गए हैं तो वे इस मामले को फिर से खोलना चाहते हैं। कुल मिलाकर दो हमलावरों में से एक के पास 6 मोबाइल फोन भी जब्त किए गए थे।
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अमेरिकी राष्ट्रपति ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भी संदेह जताते हुए आरोप लगाया कि जो बाइडेन ने उनकी हत्या की कोशिश के मामले को काफी दिनों तक दबाए रखा था।
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