USAID: संस्था का प्रयोग या दुरुपयोग, वैश्विक सहायताओं को बंद कर रहा अमेरिका
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

USAID: संस्था का प्रयोग या दुरुपयोग, वैश्विक सहायताओं को बंद कर रहा अमेरिका

अब जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूएसएआईडी को बंद कर दिया है, तो ऐसे में तमाम सवाल लोग उठा रहे हैं। मगर ट्रम्प प्रशासन के पास वे सभी आँकड़े हैं, जो यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि कैसे इस आर्थिक सहायता का दुरुपयोग किया जा रहा था।

by सोनाली मिश्रा
Feb 6, 2025, 11:39 am IST
in विश्व, विश्लेषण
Use of USAID

डोनाल्ड ट्रंप

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

USAID: हाल ही में अमेरिका ने तमाम वैश्विक सहायताओं को बंद करने का निर्णय लिया है। ये तमाम सहायताएं यूएसएआईडी के माध्यम से दी जा रही थीं। इन सहायताओं को लेकर पहले भी काफी प्रश्न उठे थे और इसे लेकर तमाम देश यह भी आरोप लगा रहे थे कि उन्हें अस्थिर करने के लिए यह संस्था काम कर रही है।

Sundayguardian की वर्ष 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार यह कहा गया था कि यह संस्था पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन से जुड़े हुए मिशिगन आधारित पाकिस्तानी संगठन को राहत और विकास में सहायता के लिए आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। मिशिगन आधारित पाकिस्तान केंद्रित संगठन का नाम हेल्पिंग हैंड फॉर रिलीफ़ एंड डेवलपमेंट था। इस संस्था के विषय में कई खुफिया एजेंसी ने यह दावा किया था कि इसके पाकिस्तान की जमात-ए-इस्लामी के साथ संबंध हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार एचएचआरडी के 50 प्रतिशत कर्मचारी पाकिस्तान के थे। यह पत्र यूनाइटेड स्टेट्स कांग्रेस के नेता मिशेल मैककॉल ने लिखा था, जिसमें उन्होंने यह बताया था कि कैसे यूएसएआईडी उस संस्था को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है, जिसका संबंध पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से है।

अब जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूएसएआईडी को बंद कर दिया है, तो ऐसे में तमाम सवाल लोग उठा रहे हैं। मगर ट्रम्प प्रशासन के पास वे सभी आँकड़े हैं, जो यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि कैसे इस आर्थिक सहायता का दुरुपयोग किया जा रहा था। वाशिंगटन में हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के अध्यक्ष ब्रायन मास्ट ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें बिडेन प्रशासन के तहत विदेश विभाग और यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट द्वारा जारी किए गए कट्टरपंथी, चरम-वामपंथी अनुदानों को उजागर किया गया है।

इस वीडियो में बताया गया कि कैसे अमेरिका के आम करदाताओं का धन उन मदों पर खर्च किया जा रहा था, जिसका कोई भी लेनादेना अमेरिका के नागरिकों से नहीं था। कुछ चौंकाने वाले मद थे-

  1. यूएसएआईडी के माध्यम से 15 मिलियन डॉलर्स तालिबान को कंडोम खरीदने के लिए दिए गए।
  2. राज्य विभाग के माध्यम से नेपाल में नास्तिकता के विस्तार को प्रोत्साहित करने के लिए 4,46,700 डॉलर्स दिए गए।
  3. राज्य विभाग के माध्यम से दक्षिणी सीमा पर प्रवासियों के लिए 14 मिलियन डॉलर के नकद वाउचर।

यह देखना बहुत ही आश्चर्यजनक है कि आखिर एलजीबीटीक्यू के एजेंडे को लगभग हर देश में बढ़ाने के लिए अमेरिकी संस्था का प्रयोग किया गया। आखिर इस एजेंडे को बढ़ाने में अमेरिकी संस्था का क्या हित हो सकता है? क्या कहीं और से इस संस्था को ही कोई एजेंडा दिया गया था? एलजीबीटीक्यू जैसी विकृति को बढ़ाने के लिए क्या कोई देश इतना पैसा खर्च कर सकता है?

जो वीडियो रिलीज किया गया, उसमें एलजीबीटीक्यू को लेकर मुख्य आँकड़े थे:

  1. राज्य विभाग के माध्यम से पश्चिमी एवं केन्द्रीय अफ्रीका में फ्रांसीसी बोलने वाले एलजीबीटीक्यू समूहों को प्रोत्साहित करने के लिए 1 मिलियन डॉलर्स की सहायता दी गई।
  2. राज्य विभाग के माध्यम से इक्वाडोर में ड्रैग शो के लिए 20,600 डॉलर्स की सहायता
  3. कोलंबिया में स्टेट डिपार्टमेंट के माध्यम से ट्रांसजेंडर ओपेरा के लिए $47,020।
  4. पेरू में स्टेट डिपार्टमेंट के माध्यम से एलजीबीटीक्यू-केंद्रित कॉमिक बुक के लिए $32,000।

सोशल मीडिया पर एलजीबीटीक्यू आधारित कॉमिक्स का विरोध काफी दिनों से किया जा रहा था और यह भी लोग कह रहे थे कि आखिर बच्चे ये सब क्यों पढ़ें? यह पूरी तरह से सत्य है कि कॉमिक्स के चित्र और चित्रण बालमन पर काफी प्रभाव डालते हैं, और यह उनके मस्तिष्क पर अंकित हो जाता है। यही कारण है कि एलजीबीटीक्यू का विरोध करने वाले लोग कॉमिक्स का विरोध कर रहे थे।

5. अर्जेंटीना में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बारे में चेतावनी देने वाली जलवायु परिवर्तन प्रस्तुति के लिए $55,750, जिसका नेतृत्व स्टेट डिपार्टमेंट के माध्यम से महिला और एलजीबीटी पत्रकारों द्वारा किया गया।

6. यूएसएआईडी के माध्यम से “कैरिबियन में एलजीबीटीक्यू होने” के लिए 3,315,446 डॉलर्स।

डीईआई अर्थात डाइवर्सिटी, इक्वालिटी और इन्क्लूसिवनेस अर्थात विविधता, समानता एवं समावेशीकरण जैसे एजेंडे पर भी यूएसएआईडी ने काफी खर्च किया। इस एजेंडे को ट्रम्प की सरकार बनने से पहले से ही काफी कॉर्पोरेट्स ने नकारना आरंभ कर दिया था। डीईआई के एजेंडे को लेकर यूएसएआईडी ने जो मुख्य खर्च किया, उनमें शामिल हैं:-

  1. लिथुआनियाई निगमों पर राज्य विभाग के माध्यम से “डीईआई मूल्यों” को बढ़ावा देने के लिए दबाव डालने के लिए 10,000 डॉलर्स।
  2. साइप्रस में एलजीबीटीक्यू समूहों के बीच डीईआई को राज्य विभाग के माध्यम से बढ़ावा देने के लिए 8,000 डॉलर्स।
  3. राज्य विभाग के माध्यम से आयरलैंड में डीईआई को बढ़ावा देने के लिए एक यू.एस.-आयरिश संगीत कार्यक्रम के लिए 70,884 डॉलर्स।

लैंगिक पहचान और नस्लीय समानता पर एडिनबर्ग इंटरनेशनल बुक फेस्टिवल में सेमिनार करने के लिए भी 39,652 डॉलर्स यूएसएआईडी द्वारा खर्च किये गए। इस वीडियो के माध्यम से यह पता चलता है कि कैसे अमेरिका ने चरम वामपंथी एजेंडे को फैलाने के लिए यूएसएआईडी का प्रयोग किया और बच्चों में विकृतियों को पैदा करने का कार्य किया।

Topics: वर्ल्ड न्यूजusaidयूएसएआईडीworld Newsअमेरिकाamericadonald trumpडोनाल्ड ट्रंप
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

न्यूयार्क के मेयर पद के इस्लामवादी उम्मीदवार जोहरान ममदानी

मजहबी ममदानी

Donald Trump

ब्राजील पर ट्रंप का 50% टैरिफ का एक्शन: क्या है बोल्सोनारो मामला?

एलन मस्क ने ‘अमेरिकन पार्टी’ की घोषणा करते हुए कहा कि अमेरिका अब एक “यूनिपार्टी” बन चुका है जहां डेमोक्रेट और रिपब्लिकन, दोनों ही आम जनता की आवाज़ को अनसुना कर रहे हैं।

इधर ‘बिग ब्यूटीफुल’ पास, उधर ‘अमेरिकन पार्टी’ के साथ मस्क कूदे मैदान में, राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, ‘ये मूर्खता है’!

BRICS trump tarrif threat

BRICS-2025: कौन हैं वो 11 देश जिन्हें ट्रंप ने दी 10% एक्स्ट्रा टैरिफ की धमकी

Texas Flood death toll rises

टेक्सास में भीषण बाढ़: 80 की मौत, 28 बच्चे शामिल, 41 लोग लापता

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies