भारत की सैन्य ताकत के पीछे मोदी का मंत्र है रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता और स्वदेशी तकनीक के सहारे कम लागत में एक से एक आयुध निर्माण करना। इससे गत कुछ साल में ही आमूलचूल परिवर्तन देखने में आया है। इस फायर पॉवर इंडेक्स में भारत का चौथे नंबर पर रहना सेना के तीनों अंगों में तो एक नया जोश बढ़ाएगा ही, सरकार में भी अपनी सामर्थ्य बढ़ाने के लिए प्रतियोगिता का भाव आएगा।
विश्व के किस देश की सेना कितनी ताकतवर है, उसमें सैन्य क्षमता, आयुध और तत्परता कितनी है, इसे देखते हुए एक सूची तैयार की जाती है। इस सूची का नाम रखा गया है ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स। इस साल की यानी 2025 की सूची सामने आ गई है। इस सूची में भारत की बढ़ती ताकत का पता चलता है क्योंकि भारत अब इस सूची में 5 सबसे ताकतवर सेना वाले देशों में शामिल हो गया है। फिलहाल भारत का स्थान चौथ है। दिलचस्प बात है कि पिछले साल तक इस सूची में नौवें नंबर पर रहा जिन्ना का देश लुढ़ककर 12वें नंबर पर चला गया है। यानी दुनिया के दस ताकतवर देशों में दूर दूर तक इसका जिक्र नहीं रहा है।
ग्लोबल फायर पॉवर इंडेक्स तैयार करने के लिए लगभग 60 मापदंड रखे गए हैं। इसमें सैन्य तकनीकी, सैन्य संसाधन, रणनीतिक तैयारी, आयुध, मारक क्षमता आदि पर गौर किया जाता है। ताकतवर सेनाओं की इस सूची में शुरू के पांच देशों में नाम दर्ज होना दर्शाता है कि भारत की सेना के तीनों अंग आधुनिकतम सैन्य कौशल से सज्ज हैं। ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स के विशेषज्ञों ने भारत की थलसेना, वायुसेना तथा नौसेना का आंकलन उनकी बढ़ती सैन्य क्षमताओं से किया है। आज भारत के पास आधुनिकतम रक्षा प्रणालियां हैं, विश्व स्तर के गोला—बारूद हैं, टोही विमान हैं, यातायात के विशाल विमान हैं, आधुनिक उपकरणों से लैस लड़ाकू जलपोत हैं।
इस सूची में पहले नंबर की बात करें तो बेशक उस पर अमेरिका का नाम दर्ज है। उसके बाद है रूस की सेना, फिर तीसरे पर चीन की सेना को रखा गया है। चीन के बाद अगला नंबर भारत का है। दिलचस्प बात है कि यह पहली बार नहीं है जब भारत शुरू के पांच देशों में शामिल हुआ है, वह लगातार छह साल से इस स्थान पर है, लेकिन कुछ ही अंकों के हेरफेर से चौथे पर आते—आते रह गया है। लेकिन विशेषज्ञों की राय है कि सैन्य क्षेत्र में मोदी सरकार इसी प्रकार प्रगति करती रही तो बहुत जल्दी भारत एक स्थान आगे आ सकता है।
भारत की सैन्य ताकत के पीछे मोदी का मंत्र है रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता और स्वदेशी तकनीक के सहारे कम लागत में एक से एक आयुध निर्माण करना। इससे गत कुछ साल में ही आमूलचूल परिवर्तन देखने में आया है। इस फायर पॉवर इंडेक्स में भारत का चौथे नंबर पर रहना सेना के तीनों अंगों में तो एक नया जोश बढ़ाएगा ही, सरकार में भी अपनी सामर्थ्य बढ़ाने के लिए प्रतियोगिता का भाव आएगा।
इस बार की सूची में फ्रांस का नाम पहली बार शामिल हुआ है। गत वर्ष के इंडैक्स में इसका नंबर 11 था, लेकिन इस साल पहली ही बार में वह 7वें नंबर दिखाया गया है। इस नंबर पर पिछले साल की सूची में जापान बैठा था, लेकिन इस नए साल की सूची में उसका नंबर आठ हो गया है।
उल्लेखनीय है कि सैनिकों की संख्या के हिसाब से भारत का नंबर दुनिया में दूसरा है। भारतीय सेना में कुल 14,55,550 सैनिक हैं। 11,55,000 सैनिक रिजर्व में हैं। भारत के पास हथियारों में टी-90 मार्क के भीष्म टैंक तथा अर्जुन टैंक हैं, सेना के पास विश्व प्रसिद्ध ब्रह्मोस मारक मिसाइल है, साथ ही पिनाका रॉकेट सिस्टम है जो अत्याधुनिक हथियार है।
इसी तरह भारत की वायुसेना का बेड़ा भी पहले से कहीं ज्यादा बड़ा हुआ है। वायुसेना के 2,229 आधुनिक विमान वायुसेना की शान हैं। लड़ाकू विमानों की संख्या 600 है। 899 हेलीकॉप्टर तथा 831 अन्य उपयोग के विमान हैं। भारत की नौसेना भी किसी भी ताकतवर देश की नौसेना जितना दमखम रखती है। फिलहाल 142,251 कर्मियों सहित 150 लड़ाकू जहाजों तथा परमाणु अस्त्र संपन्न पनडुब्बियों वाली भारतीय नौसना अत्याधुनिक उपकरणों से सज्ज है।
जिन्ना का देश पहले से ज्यादा फिसड्डी हो गया है। 9वें से 12वें पर लुढ़के पाकिस्तान की सेना में ऐसे ऐसे फौजी हैं जो बंदूक की नाल तक सीधी रखना नहीं जानते। पाकिस्तान का रक्षा बजट भारत के मुकाबले नाममात्र का है। उसकी वायुसेना में कुल 328 लड़ाकू विमान हैं। पाकिस्तान की नौसेना के पास एक भी विमानवाहक पोत नहीं है।
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