कराची, (हि.स.)। पाकिस्तानी भिखमंगे अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। हज या उमराह के नाम पर सऊदी अरब जाकर वहां भीख मांगने को उन्होंने अपना बिजनेस बना लिया है। इसे रोकने को लेकर सऊदी शासन अब सख्त हो गया है। सऊदी अरब ने भीख मांगने वाले पाकिस्तानियों को पकड़ कर वापस उनके देश भेजना शुरू कर दिया है।
हाल ही में उमराह वीजा पर सऊदी पहुंचे 10 ऐसे पाकिस्तानियों को वापस पाकिस्तान भेज दिया जो वहां भीख मांगते हुए पकड़े गए थे। अपनी किरकिरी को देखते हुए पाकिस्तान ने इन सभी को वापस पहुंचते ही हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया।
जीयो न्यूज के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी फेडरल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (एफआईए) ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि सऊदी अरब ने उमराह वीजा पर वहां जाकर भीख मांग रहे 10 पाकिस्तानियों को वापस भेज दिया है। कराची स्थित जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरते ही इन सभी को हिरासत में ले लिया गया। ये सभी पिछले कई महीनों से सऊदी अरब में भीख मांग रहे थे। इनके खिलाफ आगे की कार्रवाई के लिए उन्हें कराची एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सर्किल भेजा दिया गया है।
एफआईए का कहना है कि एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है और विदेश यात्रा के लिए जा रहे यात्रियों की कड़ाई से चेकिंग की जा रही है। जिन लोगों पर शक हो रहा है कि वे भिखमंगी के लिए विदेश जा रहे हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि पिछले कई सालों से खाड़ी के देश पाकिस्तान के भिखारियों से परेशान हैं। खासकर कोरोना के बाद इनकी संख्या में भारी इजाफा हुआ है। पिछले साल भी सऊदी अरब ने पाकिस्तान से इसकी शिकायत की थी, ओवरसीज अधिकारियों की बैठक में सऊदी अरब ने पाकिस्तान से हज कोटा में सावधानी बरतने और भिखारियों को नहीं भेजने को कहा था। सऊदी का कहना है कि उसकी जेलें ऐसे लोगों से भर चुकी हैं।
सऊदी में 25 लाख पाकिस्तानी
सऊदी अरब में करीब 25 लाख पाकिस्तानी रहते हैं और कुल प्रवासियों के मामले में पाकिस्तान दूसरे नंबर पर है। हाल के वर्षों में काफी संख्या में पाकिस्तानी नागरिक सऊदी अरब में भीख मांगते हुए पाए गए हैं।
सऊदी अरब में भीग मांगना जुर्म
सऊदी अरब में भीख मांगना कानूनन जुर्म है जिसके लिए कैद की सजा के साथ-साथ भारी-भरकम जुर्माने का प्रावधान है। 2021 में भीख मांगने पर रोक लगाने के लिए सऊदी अरब ने कड़ा कानून लागू किया था, जिसके तहत भीख मांगने या भिखमंगों का ग्रुप मैनेज करने के लिए अधिकतम एक साल की सजा और एक लाख सऊदी रियाल (23 लाख 23 हजार 261 रुपये) जुर्माने का प्रावधान है। अगर कोई भीख मांगने वालों को किसी तरह से बढ़ावा देता है या उसकी पैसे से मदद करता है तो उसे अधिकतम छह महीने की जेल और 50 हजार सऊदी रियाल का जुर्माना देना पड़ सकता है। सजा और जुर्माना भरने के बाद उसे वापस उसके देश भेजा जाता है। ऐसे सजायाफ्ता कभी सऊदी में लौट कर काम नहीं कर सकते।
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