Delhi Assembly Election-2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आता जा रहा हैं वैसे वैसे भाजपा मजबूत होती जा रही हैं। वहीं आम आदमी पार्टी के कदम कमजोर पड़ते जा रहे हैं। अब भाजपा के समर्थन में दक्षिणी राज्यों के सहयोगियों ने भी कमर कस लिया हैं। भाजपा के लिए आंध्र प्रदेश से दो सहयोगी तेलगु देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू और जनसेना के प्रमुख पवन कल्याण चुनावी मैदान में उतारने की घोषणा कर दी है। इससे भाजपा के चुनाव प्रचार को बड़ा बल मिलता दिख रहा है। अभी तक भाजपा के लिए केवल भाजपा के नेता ही मुख्यतः चुनावी प्रचार का अभियान संभाल रखे थे।
चंद्रबाबू नायडू और पवन कल्याण का भाजपा के पक्ष में समर्थन काफी कारगर साबित होगा। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के करीब 10 लाख मतदाता हैं। ये मतदाता भाजपा के लिए बड़ी खबर लेकर आ सकते हैं। भारत के चुनावी इतिहास में एक मत के अंतर से भी चुनावी परिणाम आता है। भारत के चुनावी इतिहास में कम से कम तीन बार एक मत के अंतर से चुनावी परिणाम आ चुका है। ये तीनो परिणाम विधानसभा चुनाव के ही थे।
यह तथ्य भी महत्वपूर्ण है कि जनसेना के नेता पवन कल्याण भाजपा और महायुति गठबंधन के लिए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी समर्थन किया था, जिससे अच्छा परिणाम जनता के समक्ष है। पवन कल्याण भाजपा के दक्षिणी राज्यों में सबसे बड़े पैरोकार बनते नज़र आ रहे हैं। इनकी भाजपा के हिंदुत्व के साथ एक गहरी अभिरुचि दिख रही है। आने वाले समय में लम्बे समय तक भाजपा के साथ पवन कल्याण और चंद्रबाबू नायडू का गठबंधन ना सिर्फ आंध्र प्रदेश और तेलंगाना बल्कि दक्षिणी राज्यों में भाजपा को मजबूती देता दिख रहा है।
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एक अन्य दक्षिणी राज्य कर्नाटक की जनता दल (सेक्युलर) भी वर्तमान में भाजपा की सहयोगी है। इसके नेता एच डी कुमारास्वामी केंद्रीय मंत्रिमंडल में सदस्य हैं। इस दल की भी कर्नाटक में अच्छी पकड़ है। इस कारण से दिल्ली में कर्नाटक के रहने वाले लोग भी भाजपा के पक्ष में मतदान करते दिख रहे हैं। भाजपा के दिल्ली विधानसभा चुनाव में बढ़ते जनाधार के कारण केजरीवाल को अखिलेश यादव, ममता बनर्जी सहित कई नेताओं और दलों का सहयोग लेना पड़ रहा है।
भाजपा इस कदम के प्रति उत्तर के लिए केजरीवाल आने वाले समय में दक्षिण के कुछ दलों खासकर तमिलनाडु के नेता और फिल्म कलाकार कमल हसन को अपने लिए चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतार सकते हैं।
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