कैलाश मानसरोवर तीर्थ यात्रा के फिर शुरू होने के संकेत, भारत-चीन वार्ता के बाद उत्तराखंड सरकार को तैयारी का निर्देश
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कैलाश मानसरोवर तीर्थ यात्रा के फिर शुरू होने के संकेत, भारत-चीन वार्ता के बाद उत्तराखंड सरकार को तैयारी का निर्देश

कैलाश मानसरोवर भक्तों की आस्था का केंद्र है। साल 2019 तक हर साल श्रद्धालु भगवान शिव के निवास स्थान कैलाश के दर्शन के लिए यह यात्रा करते थे। लेकिन, कोरोना काल के बाद से यह यात्रा स्थगित है। लद्दाख में चीन के साथ भारत के रिश्ते बिगड़ने के बाद इस यात्रा पर भी ग्रहण लगा।

by दिनेश मानसेरा
Jan 30, 2025, 02:25 pm IST
in उत्तराखंड
Kailasj mansarowar yatra

कैलाश पर्वत

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देहरादून: कोविड काल से रुकी हुई कैलाश मानसरोवर तीर्थ यात्रा को एक बार फिर से शुरू किया जा सकता है। भारत चीन के शीर्ष अधिकारियों की बैठक के बाद, विदेश मंत्रालय ने उत्तराखंड सरकार को इस यात्रा के लिए तैयार रहने को कहा है।

उल्लेखनीय है कि इस यात्रा को उत्तराखंड सरकार का पर्यटन उपक्रम कुमायूं मंडल विकास निगम आयोजित करता आया है। उम्मीद की जा रही है कि मई माह से ये यात्रा शुरू होगी। इसके लिए केंद्र सरकार जल्द ही आवेदन मांग सकती है। सनातन धर्म में कैलाश मानसरोवर यात्रा विशेष महत्व है। कैलाश मानसरोवर चीन में स्थित है और इसकी यात्रा की शुरुआत उत्तराखंड काठगोदाम से होती है।

कैलाश मानसरोवर भक्तों की आस्था का केंद्र है। साल 2019 तक हर साल श्रद्धालु भगवान शिव के निवास स्थान कैलाश के दर्शन के लिए यह यात्रा करते थे। लेकिन, कोरोना काल के बाद से यह यात्रा स्थगित है। लद्दाख में चीन के साथ भारत के रिश्ते बिगड़ने के बाद इस यात्रा पर भी ग्रहण लगा। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने चीन के साथ वार्ता में कैलाश मानसरोवर यात्रा  एक बार फिर से करने की पहल की थी, जिसका सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।

कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए धारचूला से लिपुपास तक अब सड़क भी तैयार है। पहले ये यात्रा धारचूला से लिपूपास तक पैदल और कठिन चढ़ाई वाली हुआ करती थी। कुमायूं मंडल विकास निगम के अधिकारियों के अनुसार, श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए जगह-जगह टूरिज्म विभाग के हर्ट्स तैयार हैं। अभी कैलाश मानसरोवर पर्वत के दर्शन श्रद्धालु हेलिकॉप्टर के जरिए भारत से ही करते हैं।

इसे भी पढ़ें: उत्तराखंड: नाबालिग को भगाकर किया दुष्कर्म, दोषी सलमान को 20 साल की सजा

कैलाश मानसरोवर की पैदल यात्रा पिथौरागढ जिले के लिपुलेख दर्रे से होकर गुजरती है. यह पैदल यात्रा बेहद दुर्गम मानी जाती है और हर किसी की बस की नहीं होती कि वह कैलाश मानसरोवर यात्रा कर सके. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, कैलाश पर्वत के ऊपर स्वर्ग और नीचे मृत्युलोक है. कैलाश पर्वत हिंदुओं के साथ ही बौद्ध धर्म का भी केंद्र है। भारत से कैलाश जाने वाले यात्रियों को ॐ पर्वत और व्यास गुफा काली मंदिर आदि के भी दर्शन कराए जाते हैं।

Topics: उत्तराखंडUttarakhandकैलाश मानसरोवर यात्राKailash Mansarovar YatraकैलाशKailashकब से शुरू हो रही कैलाश मानसरोवर यात्राWhen is the Kailash Mansarovar Yatra starting
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