प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार पर तीखा हमला किया और भाजपा की योजनाओं के बारे में अपने दृष्टिकोण को साझा किया। बुधवार को एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के पानी के मुद्दे पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली का पानी ‘जहरीला’ है, लेकिन यह पानी तो खुद मोदी भी पीता है, ऐसा कहकर उन्होंने विरोधियों पर निशाना साधा। इस बयान के माध्यम से पीएम मोदी ने आम आदमी पार्टी के कामकाज पर सवाल उठाए और दिल्ली की मौजूदा स्थिति पर अपनी असंतोष जताई।
प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार और प्रशासनिक असफलताओं को लेकर आम आदमी पार्टी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने सीएजी (कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) जैसी महत्वपूर्ण संस्था को दबा दिया है और उसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं होने दिया है। मोदी ने दावा किया कि सीएजी रिपोर्ट सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार की पोल खुल जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि अगर दिल्ली में भाजपा की सरकार बनती है तो सीएजी की रिपोर्ट को विधानसभा के पहले सत्र में पेश किया जाएगा, जिससे जनता को सरकार की असलियत का पता चलेगा।
रैली के दौरान पीएम मोदी ने एक बार फिर से आप के नेताओं की बेशर्मी पर हमला किया और उन्हें कहा कि नेता सुरक्षा कवच नहीं, बल्कि सेवक होते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आप के नेताओं ने भारतीय सेना का अपमान किया है और इस बार दिल्ली की जनता को पांच फरवरी को चुनाव में उन्हें सजा देने का मौका मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली को एक नया रूप देने की बात की और इसे विकसित भारत की मॉडल सिटी बनाने का वादा किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली को अब अपनी पहचान बनाने की जरूरत है, जैसे गुरुग्राम और नोएडा की पहचान आईटी और मुंबई की फिल्म इंडस्ट्री से है। मोदी ने कहा कि 21वीं सदी में दिल्ली को एक ऐसी जगह के रूप में जाना जाएगा जो न केवल रहने के लिए बल्कि रोजगार और कमाई के लिए भी सबसे बेहतरीन हो।
उन्होंने अंत में यह भी कहा कि भाजपा सरकार के आने के बाद पाइपलाइन और सीवर की बिछाने का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा, ताकि दिल्ली के नागरिकों को स्वच्छ और बेहतर जल आपूर्ति मिल सके।
इस रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आम आदमी पार्टी की नीतियों को लेकर जनता को सचेत किया और भाजपा की योजनाओं और वादों को प्रमुख रूप से प्रस्तुत किया। उनके इन शब्दों से यह स्पष्ट होता है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
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