दिल्ली में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां जोरों पर हैं। राजधानी की सभी 70 सीटों पर 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और 8 को नतीजे घोषित होंगे। इस बीच अन्ना हजारे के आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार, घोटाले के आरोप लगने और अपने नेताओं के किनारा करने के बाद जनता के बीच जाकर खुद को मजबूत करने में जुटी है। इस बार पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए उनकी ही पार्टी से निकले नेता मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। उन्हीं में से एक नाम है डॉक्टर मुनीश रायजादा, जो अभी भारतीय लिबरल पार्टी के सदस्य और समाजसेवी हैं। मुनीश रायजादा पहले आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए थे। अब केजरीवाल के भ्रष्टाचार के खिलाफ मैदान में हैं। कभी दोनों अन्ना हजारे के आंदोलन से जुड़े थे।
नई दिल्ली सीट से बीएलए उम्मीदवार रायजादा ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने मुफ्त रेवड़ी की राजनीति को बढ़ावा दिया है, जिससे दिल्ली के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इसके साथ ही वे केजरीवाल की विलासिता और पार्टी के भ्रष्टाचार पर लगातार हमला कर रहे हैं। उन्होंने 25 जनवरी को महाराष्ट्र के रालेगण सिद्धि जाकर अपने गुरु अन्ना हजारे से मुलाकात की और उनसे दिल्ली चुनाव में जीत का आशीर्वाद लिया। रायजादा ने अन्ना हजारे को पत्र भी भेजा, जिसमें उन्होंने लिखा, “हम सभी की एक ही इच्छा थी कि देश में जनलोकपाल के जरिए भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था बने और समाज में सुधार आए, लेकिन दुर्भाग्यवश हमारे बीच से ही एक नेता ने हमें धोखा दिया और आज वही व्यक्ति एक भ्रष्ट पार्टी बनाकर हमारे संघर्ष को बदनाम कर रहा है। मैं भारतीय लिबरल पार्टी की ओर से अरविंद केजरीवाल जैसे धोखेबाज के खिलाफ खड़ा हूं। मुझे आपके आशीर्वाद की आवश्यकता है।”
यह तो सभी जानते हैं कि आम आदमी पार्टी से जुड़े कई नेताओं ने पार्टी से मोहभंग होने के बाद उसे छोड़ने में ही अपनी भलाई समझी। पिछले वर्ष पार्टी के अंदर कुछ भी ठीक नहीं होने का संकेत मिलते ही परिवहन तंत्री कैलाश गहलोत ने उससे किनारा कर लिया और बीजेपी में शामिल हो गए। इसके बाद ‘आप’ के कई नेताओं ने पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थामा।
अब्दुल रहमान- दिल्ली की सीलमपुर विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने वाले अब्दुल रहमान ने 10 दिसंबर 2024 को आप की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए।
सुखबीर सिंह दलाल- मुंडका के पूर्व विधायक सुखबीर सिंह दलाल 21 दिसंबर 2024 को ‘आप’ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। उन्होंने ‘आप’ पर भ्रष्टाचार विरोधी वादे करने और वादों से भटकाने का आरोप लगाया था।
राजेंद्र पाल गौतम- सीमापुरी विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने वाले राजेंद्र पाल गौतम ने भी ‘आप’ से इस्तीफा दे दिया था।
राजकुमार आनंद- दिल्ली की पटेल नगर सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले राजकुमार आनंद ने अप्रैल 2024 में आप की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने पार्टी छोड़ने की भ्रष्टाचार सहित कई वजह बताई थी।
कैलाश गहलोत- दिल्ली के परिवहन मंत्री रहे कैलाश गहलोत ‘आप’ के साथ शुरू से ही जुड़े हुए थे, लेकिन उन्होंने भी पिछले वर्ष ‘आप’ से अलग होने का फैसला ले लिया और अगले ही दिन भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। उन्होंने कहा था, ”मैं पार्टी में बदलाव लाने की उम्मीद से शामिल हुआ था, लेकिन जिन मूल्यों के लिए हमने लड़ाई लड़ी थी, उनसे समझौता किया जा रहा था। इसकी वजह से मुझे आप छोड़कर भाजपा में शामिल होना पड़ा।” गहलोत ने यह भी आरोप लगाया था कि ‘आप’ मूल मूल्यों और नैतिकता से भटक गई है।
दूर होते चले गए नेता
साल 2011 में अरविंद केजरीवाल ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन शुरू किया था। इस आंदोलन से ही आम आदमी पार्टी का जन्म हुआ था। आम आदमी पार्टी ने पहली बार साल 2013 में नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा था। उन्होंने तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराया था। लेकिन कुछ मतभेदों के चलते पार्टी के कई दिग्गज नेता जैसे किरण बेदी, कवि कुमार विश्वास, आशुतोष, आशीष खेतान, शांति भूषण, प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, शाजिया इल्मी और कपिल मिश्रा पार्टी से दूर होते चले गए।
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