तमिलनाडु में इरोड सीट पर उपचुनाव है और इस उपचुनाव में प्रमुख विपक्षी दल एआईडीएमके, भारतीय जनता पार्टी सहित और कई पार्टियों ने भाग लेने से इनकार कर दिया है। इस चुनाव में डीएमके के सामने अब केवल एनटीके पार्टी ही गंभीरता से चुनाव लड़ रही है। एनटीके पार्टी के नेता ने इसी चुनाव प्रचार में तमिलनाडु को लेकर एक बहुत बड़ी बात कही है।
तमिलनाडु के इतिहास को लेकर उन्होनें कहा कि तमिलनाडु की पहचान पेरियार नहीं बल्कि यह तमिल राजाओं, चेरों, चोलों और पांड्यों तथा वेलु नचियार और मुथुरामलिंगा थेवर जैसे नेताओं की भूमि है।”
उन्होनें यह भी कहा कि यह झूठ कहा जाता है कि पेरियार द्वारा महिला अधिकारों की वकालत करने के विचार ने एलटीटीई नेता ने महिलाओं को अपनी सेना में रखा था।
सीमन पेरियार पर इन दिनों लगातार हमलावर हैं और इसे लेकर इनकी पार्टी के कैडर्स भी पार्टी छोड़कर जा रहे हैं और उनके खिलाफ पेरियार समर्थक समूह भी मुखर हो रहे हैं। उनके घर के सामने एक पेरियार समर्थक समूह ने विरोध प्रदर्शन किया और पेरियार के खिलाफ किये गए विवादास्पद बयानों की निंदा की।
लोकप्रिय कार्यकर्ता थिरुमुरुगन गांधी भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और उन्होनें कहा कि “सीमन ने अपना करियर एक पेरियारवादी के रूप में शुरू किया था। अब वह उस विचारधारा से दूर होकर आरएसएस और भाजपा के करीब आ गए हैं। वह भाजपा से जुड़ने के लिए झूठ फैला रहे हैं। हम विधानसभा चुनावों में उनका पर्दाफाश करेंगे। तमिलनाडु में भाजपा के न जीतने का कारण पेरियारवादी हैं। सीमन के साथ भी यही होगा।”
जनवरी में कुछ दिन पहले ही उन्होनें यह भी दावा किया था कि पेरियार ने अनैतिक संबंधों को बढ़ावा दिया। इसे लेकर भी डीएमके, एआईडीएमके तथा कई और पार्टियों के साथ-साथ महिला संगठनों ने भी विरोध दर्ज कराया था।
इस समय उन पर लगभग 70 के करीब मामले दर्ज हैं। मगर लोग यह बात कर रहे हैं कि पूर्व में पेरियार के समर्थक रहे सीमन अब इस समय पेरियार पर हमलावर क्यों हैं।
वहीं द फेडरल से बात करते समय एनटीके के प्रवक्ता के सेंथिल कुमार ने दावा किया कि उनके नेता मुकदमों से नहीं डरते हैं। उन्होनें कहा कि वे हमेशा तथ्य की बात करते हैं और सच्चाई यही है कि द्रविड पार्टियों ने कई तार्किक नेताओं को आगे नहीं किया है और केवल पेरियार को ही हाइलाइट किया है। हम सभी को लाना चाहते हैं।
और जब उनसे यह पूछा गया कि सीमन के मन में पेरियार के खिलाफ इतनी नफरत क्यों है तो सेंथिल कुमार ने कहा कि “उन्होंने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि पेरियार तमिल भाषा का सम्मान नहीं करते थे। अब जाकर द्रविड पार्टियों ने जबाव देना शुरू किया है। हमारे खिलाफ मुकदमे दर्ज कराने के स्थान पर उन्हें तमिल भाषा और महिला अधिकारों पर पेरियार के लेखन और भाषणों को प्रकाशित करना चाहिए। लोग अपने आप समझ जाएंगे कि उन्हें किसे फॉलो करना है।
भाजपा ने इस उपचुनाव का विरोध करते हुए कहा था कि यह उपचुनाव केवल उपचुनावों की खातिर कराया जा रहा उपचुनाव है।
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