केरल में वक्फ बोर्ड की मनमानियों के खिलाफ कोच्चि के मुनंबम गांव के लोगों का विरोध लगातार जारी है। इस बीच गणतंत्र दिवस के मौके पर संसद के सदस्यों को विभिन्न राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं के नाम खुला पत्र पोस्ट कर इन प्रदर्शनकारियों ने वक्फ संशोधन विधेयक-2024 का समर्थन करने की अपील की है।
इसके तहत मुनंबम गांव के प्रदर्शनकारी लोग आज डाकघर में मार्च निकालकर रिपब्लिक डे पर पत्र पोस्ट करेंगे। बीते 100 दिन से ये लोग वक्फ बोर्ड की मनमानियों के खिलाफ अपनी जमीनों को वापस पाने के लिए प्रदर्शन कर रहे़ हैं। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे एफआर जोशी मैय्यातिल हम अपने राजस्व के अधिकारों से विखंडित कर दिए गए हैं। इससे हमें गहरा आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षति हुई है।
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क्या है पूरा मामला
केरल की व्यावसायिक राजधानी कोच्चि की भीड़-भाड़ से दूर मुनंबम उपनगर में स्थित चेराई गांव, मछुआरों का एक खूबसूरत गांव है। इसी गांव परवक्फ बोर्ड ने अपना दावा ठोंक दिया था। वक्फ ने पूरे गांव को वक्फ की संपत्ति करार दे दिया था। ईसाई बहुल इस गांव में लगभग 610 परिवार रहते हैं।
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क्या है विवाद
रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 1902 में त्रावणकोर के राजा ने गुजरात से केरल पहुंचे अब्दुल सत्तार मूसा पर दया दिखाते हुए 464 एकड़ जमीन दी थी। वो यहां मछली पकड़ने के लिए आया हुआ था। कहा जा रहा है कि 4 दशकों में समुद्री कटाव के कारण राजा की दी गई अधिकांश भूमि नष्ट हो गई। 1948 में सत्तार के उत्तराधिकारी सिद्दीकी सेठ ने जब जमीन की रजिस्ट्री की तो उसमें स्थानीय मछुआरों की जमीन भी शामिल थी।अब उसी जमीन पर वक्फ बोर्ड अपना दावा ठोंक रहा है।
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