महाकुंभ मेले में विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल की बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें देश के प्रमुख संत सम्मिलित हुए। इस बैठक के उपरान्त आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान मंदिरों पर से सरकारी नियंत्रण को खत्म करने की मांग की गई।इस दौरान आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानन्द गिरि जी, विहिप के केन्द्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया कि हिन्दू समाज की धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक आवश्यकताएँ, चुनौतियाँ और संकटों के संदर्भ में विचार करते हुए हिन्दू समाज का मार्गदर्शन किया गया है। जिसमें निम्नलिखित विषय-बिन्दुओं पर सन्तों का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ-
• देश भर में हिन्दू मन्दिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने का जागरण अभियान प्रारम्भ हुआ है। आन्ध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के बड़ा सभा से इस अभियान का शंखनाद हो चुका है। संतों ने आग्रह किया है कि सभी मन्दिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त किये जाएँ, सरकारी नियंत्रण स्थापित करने वाले कानून हटाए जाएँ और मन्दिरों का प्रबंधन आस्था रखने वाले भक्तों को सौंपा जाए।
हिन्दू समाज के घटते जन्म दर का प्रमुख कारण हिन्दू जनसंख्या में हो रहा असन्तुलन है। हिन्दू समाज के अस्तित्व की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण दायित्व के रूप में हर हिन्दू परिवार में कम से कम तीन बच्चों का जन्म होना चाहिए। मार्गदर्शक मण्डल के पूज्य संतों ने आह्वान किया है कि हिन्दू समाज की जनसंख्या को संतुलित बनाये रखने के लिए हिन्दू समाज के जन्म दर को बढ़ाने की आवश्यकता है।
• वक्फ बोर्ड के निरंकुश व असीमित अधिकारों को नियंत्रित करने के लिए केन्द्र सरकार कानून सुधार अधिनियम लाने वाली है, उसका केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल स्वागत करती है और यह आह्वान करती है कि यह कानून पारित होना चाहिए तथा सभी दलों के सांसदों को इसमें सहयोग करना चाहिए।
1984 के धर्म संसद से लेकर अयोध्या, मथुरा, काशी तीनों मन्दिरों की प्राप्ति के लिए पूज्य संत समाज, हिन्दू समाज, विश्व हिन्दू परिषद तथा संघ भी संकल्प बद्ध था, है और भविष्य में भी रहेगा।
• भारत के उत्थान के लिए सामाजिक समरसता, पर्यावरण की रक्षा, कुटुम्ब प्रबोधन से हिन्दू संस्कारों का सिंचन तथा सामाजिक कुप्रथाओं का निर्मूलन, अपने स्व का आत्मबोध तथा अच्छे नागरिकों के कर्तव्य, ये राष्ट्रीय चारित्र्य के विकास के लिए समाज के लिए आवश्यक है।
टिप्पणियाँ