अयोध्या, जिसे भगवान राम की जन्मभूमि कहा जाता है एक बार फिर श्रद्धालुओं के लिए एक खास अवसर प्रस्तुत कर रहा है। राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ धूमधाम से मनाई जाएगी। 11-13 जनवरी तक आयोजित होने वाले इस भव्य उत्सव के तहत न केवल श्रद्धालुओं को धार्मिक अनुभव मिलेगा, बल्कि वे राम मंदिर के ऐतिहासिक और दिव्य वातावरण का भी अनुभव करेंगे।
अयोध्या में भव्य तीन दिवसीय उत्सव
रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित होने वाला यह उत्सव विशेष महत्व रखता है। 11-13 जनवरी तक आयोजित इस कार्यक्रम में सभी के लिए प्रवेश खुले होंगे, विशेषकर उन लोगों के लिए जो पिछले साल के ऐतिहासिक समारोह में शामिल नहीं हो पाए थे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार, लगभग 110 वीआईपी मेहमान भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इनमें से कई लोग पिछले साल के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में भाग नहीं ले पाए थे।
इसके अलावा, अंगद टीला स्थल पर एक जर्मन हैंगर टेंट भी लगाया गया है, जिसमें 5,000 लोग एक साथ बैठ सकते हैं। इस टेंट में सांस्कृतिक कार्यक्रम, यज्ञ और राम कथा सत्र आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान, श्रद्धालुओं को रामचरितमानस पर प्रवचन और शास्त्रीय सांस्कृतिक प्रदर्शन का अवसर मिलेगा। इसके साथ ही प्रात:काल प्रसाद वितरण भी किया जाएगा।
5 जनवरी को एक सरकारी प्रेस नोट में कहा गया था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 11 जनवरी को यहां मंदिर में रामलला का अभिषेक करेंगे। यह आयोजन अयोध्या धाम के लोगों के लिए विशेष रूप से महत्व रखने वाला होगा, क्योंकि यह ऐतिहासिक दिन राम मंदिर की स्थापना का एक साल पूरा कर रहा है। इस कार्यक्रम में देशभर से आए संत और भक्त एक साथ इस धार्मिक समारोह में शामिल होंगे।
पिछले साल का ऐतिहासिक पल
गौरतलब है कि 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या के राम मंदिर में की गई थी। उस समय लाखों लोग इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने थे। अब, एक साल बाद, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ 11 जनवरी को मनाई जाएगी, क्योंकि पंचांग के अनुसार इस तिथि को ही पौष शुक्ल द्वादशी के दिन रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी।
उत्सव में शामिल होने के लिए अयोध्या के मंदिर ट्रस्ट ने सभी भक्तों को आमंत्रित किया है। जो लोग इस बार समारोह में भाग नहीं ले पाए थे, उन्हें इस साल के आयोजन में भी सम्मिलित होने का मौका मिलेगा। मंदिर में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से भक्तों को आध्यात्मिक अनुभव मिलेगा और वे भगवान राम के भव्य मंदिर में उनके दिव्य स्वरूप का दर्शन कर सकेंगे।
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