दिल्ली शराब घोटाले के मामले में आरोपी आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल अभी भी खुद को कट्टर ईमानदार आदमी मानते हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनके अलावा केवल एक ही व्यक्ति की नीयत साफ थी और वो थे पूर्व दिवंगत प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह।
केजरीवाल उन्हीं डॉ मनमोहन सिंह की बात कर रहे हैं, जिन्हें उन्होंने 2013 में अन्ना हजारे के लोकपाल बिल को लेकर किए अनशन के दौरान केजरीवाल ने भ्रष्ट करार दिया था। अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक यूट्यूब चैनल को अपना इंटरव्यू दे रहे थे। उसी दौरान उन्होंने ये बातें कही। जब यूट्यूबर ने उनसे सवाल किया कि उनके अलावा किस नेता की नीयत साफ थी, तो उन्होंने मनमोहन सिंह का नाम लिया।
केजरीवाल ने कहा कि मनमोहन बहुत अच्छे नेता और बहुत ही ईमानदार थे। जबकि, केजरीवाल ने ही अन्ना आंदोलन के दौरान दिल्ली की शीला दीक्षित सरकार पर दिल्ली में भ्रष्टाचार बढ़ाने और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर कॉमनवेल्थ, कोयला घोटाला जैसे कई आरोप लगाए थे। बाद में लोकपाल आंदोलन का फायदा उठाते हुए खुद आम आदमी पार्टी खड़ी कर दी।
खुद जा चुके हैं जेल
गौरतलब है कि दिल्ली शराब नीति घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने अरविंद केजरीवाल को बीते 21 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था। ईडी ने केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाले का किंगपिन करार दिया था। ईडी को केजरीवाल के घर पर छापेमारी में कई अहम दस्तावेज मिले थे। इनसे पता चला कि केजरीवाल दो ईडी अधिकारियों की जासूसी कर रहे थे। ईडी के मुताबिक विजय नायर दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत को दिए गए घर में रह रहे थे। उन्होंने साउथ ग्रुप और आम आदमी पार्टी के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई। अरविंद केजरीवाल ने साउथ ग्रुप से रिश्वत की मांग की। केजरीवाल ने कविता से मुलाकात की थी। ईडी के मुताबिक आबकारी नीति को आम आदमी पार्टी के गोवा चुनाव में फंडिंग के लिए बदला गया। रिश्वत के पैसे का इस्तेमाल हवाला के जरिये गोवा चुनाव में किया गया था।
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