उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले की एक मुस्लिम महिला, शहनाज बानो, ने अपने बच्चों के साथ हिंदू धर्म अपना लिया है। उन्होंने इस कदम को सामाजिक स्वीकृति और महिलाओं के लिए सम्मानजनक जीवन जीने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। शहनाज बानो का कहना है कि हिंदू धर्म में महिलाओं को जो सम्मान मिलता है, वह मुस्लिम धर्म में उन्हें नहीं मिलता। यही कारण था कि उन्होंने और उनके बच्चों ने धर्म परिवर्तन का फैसला लिया।
शहनाज बानो ने अपने परिवार के सभी सदस्यों के साथ धर्म परिवर्तन किया है। उन्होंने अपनी बेटी मंशा, आफरीन, आलिया और बेटे जनैद का भी धर्म परिवर्तन कराया है। अब शहनाज बानो का नाम संजना रख लिया गया है, और उनके बच्चों के नाम भी बदलकर नए हिंदू नाम रखे गए हैं। उनकी बेटी आफरीन का नाम अब आस्था सिंह, मंशा का नाम मान्या, आलिया का नाम आलिया सिंह, और उनके बेटे जनैद का नाम शिवा सिंह रखा गया है।
इस धर्म परिवर्तन के लिए शहनाज ने एक हलफनामा प्रस्तुत किया, जिसमें तीन गवाह भी थे। जिला मजिस्ट्रेट ने इस हलफनामे की समीक्षा की और फिर उसे राज्यपाल के पास भेज दिया। राज्यपाल ने इसे बिना किसी आपत्ति के मंजूरी दे दी और इसे वापस जनपद में भेज दिया।
शहनाज बानो ने इस कदम को पूरी तरह से अपनी इच्छा के तहत लिया है। उनका मानना है कि धर्म परिवर्तन के बाद उन्हें और उनके परिवार को एक नया जीवन और सम्मान मिलेगा। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में महिलाओं को जो समाज में स्थान और अधिकार मिलते हैं, वह मुस्लिम समाज में नहीं हैं। यही कारण है कि उन्होंने और उनके परिवार ने इस धर्म को अपनाया, ताकि उन्हें समाज में बेहतर स्थान मिल सके। शहनाज ने इस निर्णय को समाज के लिए एक उदाहरण बताया और कहा कि धर्म परिवर्तन का अधिकार हर व्यक्ति को है और यह पूरी तरह से एक स्वेच्छिक निर्णय है।
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