सोमवार 23 दिसम्बर की सुबह यूपी व पंजाब पुलिस ने सांझे तौर पर कार्रवाई करते हुए खालिस्तान से जुड़े तीन आतंकियों को ढेर कर दिया। पीलीभीत के पूरनपुर कोतवाली क्षेत्र में पंजाब और उत्तर प्रदेश पुलिस की संयुक्त टीम को यह सफलता मिली। इन आतंकियों ने पंजाब के गुरदासपुर में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड और बम से हमला किया था। इसके बाद तीनों पूरनपुर क्षेत्र में आकर छिप गए थे। सोमवार सुबह करीब पांच बजे यहां हरदाई ब्रांच नहर के समीप हुई मुठभेड़ में तीनों मारे गए। पर इस इलाके में यह कोई पहली खालिस्तानी आतंक की दस्तक नहीं है बल्कि उत्तर प्रदेश का यह इलाका खालिस्तानी आतंकवाद का दूसरा गढ़ कहा जाता रहा है। आज पीलीभीत के पूरनपुर में तीन खालिस्तानी आतंकियों के एनकाउंटर से वर्षों बाद तराई का इलाका फिर दहल उठा। 80 और 90 के दशक के दौरान जब पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद चरम पर था। उस दौरान करीब 12 वर्ष तक तराई में भी इस आतंक का साया रहा।
पीलीभीत और लखीमपुर खीरी में खालिस्तान आतंकवादियों ने कई लोगों की हत्या कर दी थी। सबसे चर्चित पीलीभीत की वो घटना है, जो जुलाई 1992 में हुई थी। आतंकवादियों ने जंगल में एक साथ 29 लोगों की हत्या कर दी थी। वर्ष 1985 से लेकर 1997 के बीच का दौर था, जब तराई इलाके में जिला खीरी से लेकर शाहजहांपुर के खुटार, पीलीभीत के पूरनपुर से लेकर उत्तराखंड के जिला ऊधमसिंह नगर और नैनीताल तक खालिस्तान समर्थकों का आतंक रहा। उस दौरान खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठनों ने यहां कई बड़ी और चर्चित घटनाओं को अंजाम दिया था।
चाहे वह मैलानी गुरुद्वारे में रह रहे खुफिया विभाग के दरोगा को गोली मारने का मामला हो या फिर जंगल में छिपे भीरा निवासी सुखविंदर सिंह का तत्कालीन एसपी ओपी सिंह द्वारा एनकाउंटर किया जाना। खीरी के मैलानी के आसपास पीलीभीत और शाहजहांपुर के कई इलाके खालिस्तानी आतंकवादियों के हमेशा निशाने पर रहते थे।
वर्ष 1988-89 में मैलानी-भीरा के मध्य राजनारायणपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास दुग्ध वाहन को रोककर उसमें सवार एक दर्जन लोगों की खालिस्तान आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। इस नरसंहार को खालिस्तानी आतंकवादियों के मेजर राज्थानी गुट ने अंजाम दिया था। 26 नवंबर 1995, 26 अक्तूबर 1997 और 28 मार्च 1998 को भीखमपुर-मैलानी के बीच रेलवे ट्रैक काट कर नैनीताल एक्सप्रेस ट्रेन को पलटने की साजिश के पीछे भी खालिस्तान उग्रवादियों का हाथ होने की बात सामने आई थी। अब आज की घटना ने जहां पुराने जख्मों को फिर से हरा कर दिया वहीं देश वासियों के माथे पर चिन्ता की नई लकीर खींच दी है।
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