वाराणसी। संभल के बाद काशी के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में मिले शिव मंदिर की चर्चा पूरे देश में हो रही है। इस मुद्दे को उठाने वाले सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने दावा किया है कि 18 पौराणिक तीर्थ भी लुप्त हैं। जिसमें दो योगिनियों का मंदिर भी शामिल है। काशी में मिला मंदिर 250 वर्ष पुराना बताया जा रहा है। 30–40 सालों से मंदिर में ताला लगा है। ताला किसने लगाया और चाभी किसके के पास है किसी को मालूम नहीं है।
अजय शर्मा ने बताया कि पुष्प दंतेश्वर से लेकर दक्षिण तक 18 पौराणिक लिंग तीर्थ लुप्त है। ये पूरा क्षेत्र देवनाथपुरा से मदनपुरा के बीच आता है। इसी खोज के दौरान सिद्धार्थ कूप के पास सिद्धेश्वर मंदिर मिला है। ये क्षेत्र कभी बंगाली बाहुल्य हुआ करता था। धीरे – धीरे लोग जमीनों मकानों को बेच कर कहीं और चले गए। जिन लिंग तीर्थों को खोजा जा रहा है, वह काफी प्राचीन है। मदनपुरा में बंद मिले शिव मंदिर में पूजा पाठ के लिए जिला प्रशासन को पत्र भी दिया गया है। जिस परिसर में मंदिर मिला है वहां के मकान मालिक ने अपना नाम बताने से मीडिया को मना कर दिया। उनका कहना है कि मामले को ज्यादा हाइलाइट न किया जाए। जो चीज जिस स्थिति में है, उसे वैसे ही रहने दिया जाए।
सोमवार दोपहर में सोशल मीडिया पर मंदिर को लेकर एक पोस्ट वायरल हुआ था। सनातन रक्षक दल ने मंदिर में पूजा पाठ करने देने की अपील की। मंगलवार को एडीएम सिटी आलोक वर्मा के नेतृत्व में प्रशासन की टीम जांच करने पहुंची। आलोक वर्मा ने बताया कि मौके पर जांच किया गया है। मकान से संबंधित कागजात चेक किया जाएगा। राजस्व विभाग की टीम जांच कर रही। तीन से चार दिनों बाद ही इस मुद्दे पर स्पष्ट तौर पर कुछ कहा जा सकेगा। फिलहाल गली में फोर्स तैनात की गई है।
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