राजस्थान के टोंक में कोतवाली के गेट पर खड़े एक पुलिसकर्मी पर दिनदहाड़े चाकू से हमला करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में एक मुस्लिम व्यक्ति पुलिस वाले से हाथापाई करते हुए दिखाई दे रहा है। इस दौरान पुलिसकर्मी ने चाकू से खुद को बचाने के लिए बशीर मोहम्मद उर्फ सद्दाम को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन आरोपी ने पुलिसकर्मी को पैर अड़ाकर जमीन पर गिरा दिया। इसके बाद भी आरोपी ने पुलिस वाले को नहीं छोड़ा, वह उन्हें जकड़े रहा। इस बीच आसपास लोगों की भीड़ जमा हो गई, तब जाकर आरोपी ने पुलिसकर्मी को छोड़ा। वहीं, झगड़े की सूचना मिलते ही आरोपी के परिजन भी थाने पहुंच गए। उन्होंने पुलिस को बताया कि बशीर मानसिक रूप से बीमार है, इसके बाद परिजन आरोपी को अपने साथ लेकर चले गए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, टोंक कोतवाली पुलिस की ओर से एक विचाराधीन मामले में बशीर मोहम्मद उर्फ सद्दाम को एसडीएम के नोटिस पर बुलाया गया था। वह रविवार (8 दिसंबर) दोपहर को कोतवाली पहुंचा, जहां एक कांस्टेबल कोतवाली के गेट पर खड़ा था। आरोपी ने गेट पर पहुंचते ही पुलिसकर्मी से पूछा, “किसने मेरी शिकायत की है? मैं उसे नहीं छोडूंगा।” इसके बाद उसने जेब से चाकू निकालकर पुलिसकर्मी पर हमला कर दिया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी के परिजन थाने आए थे। उन्होंने बताया कि वह मानसिक रूप से बीमार है, उसकी दवाइयां चल रही हैं। हालांकि, आरोपी का मानसिक रूप से बीमार होने का सर्टिफिकेट तो नहीं देखा गया, मगर परिजनों के कहने पर उसे उसकी मां को सौंप दिया गया है।
एक्स पर जितेंद्र प्रताप सिंह ने घटना का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “बशीर मोहम्मद उर्फ सद्दाम ने एक पुलिस कांस्टेबल पर मामूली सी बात पर चाकू से जानलेवा हमला कर दिया। किसी तरह से कांस्टेबल अपनी जान बचा पाया। अब बशीर मोहम्मद के परिवार वाले कह रहे हैं कि उनका बेटा मानसिक रूप से विक्षिप्त है। अब सोचिए कि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त है, लेकिन अपने साथ चाकू रखता है और वह हमला किसी मुस्लिम पर नहीं करता, उसे यह भी मालूम है कि उसे किस पर हमला करना है, लेकिन फिर भी परिवार वाले उसे मानसिक रूप से विक्षिप्त कह रहे हैं।”
वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गणेशभाई नाम के यूजर लिखते हैं कि इनकी मानसिकता का दिवालियापन है और इसी तरह ये बचाव में आ जाते हैं। घटिया राजनीति, घटिया कानून की बदौलत ही ऐसी घटनाएं हो रही हैं। अन्यथा कठोर कानून का प्रावधान किया जाए, तो कोई भी पुलिस पर हमला करने से पहले सौ बार सोचेगा, सख्त कानून की जरूरत है।
धरमवीर सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि इसको पागलखाने में भर्ती कराया जाए और वहां तसल्ली से इसकी तबीयत को ठीक किया जाए। सारी मानसिक स्थिति सही हो जाएगी। वहीं नरेंद्र गुप्ता ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर लिखा कि ये लोग बहुत शातिर हैं इनको कानून से बचने के सारे गुण पता हैं जैसे पहले अल्पसंख्यक पर अत्याचार हो रहा है, फिर मानसिक रोगी बनना, फिर मजहब की बुराई की इसका इल्ज़ाम लगाना यह सब होता रहता है। इनको ठीक करने की एक ही दवा है, जो लोगों को समझनी चाहिए वो है। एक अन्य यूजर ने राजस्थान पुलिस को टैग करते हुए एक्स पर लिखा कि यदि उपचार अच्छे से करें तो संभव है कि इसका मानसिक संतुलन ठीक हो जाए।
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