उत्तर प्रदेश के मदरसों में एनसीईआरटी की पुस्तकों का वितरण बंद होने पर अल्पसंख्यक मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। अल्पसंख्यक मंत्री ने संबंधित अधिकारियों से इस संबंध में स्पष्टीकरण तलब किया। अल्पसंख्यक मंत्री ने पूछा है कि किन परिस्थितियों में एनसीईआरटी की पुस्तकों का वितरण बंद कर दिया गया। अल्पसंख्यक मंत्री ने गत 9 सितम्बर को भी अपर मुख्य सचिव अल्पसंख्यक कल्याण को पत्र लिख कर इस बारे में पूछा था मगर इस पत्र का उनको अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद प्रदेश के मदरसों में एनसीईआरटी की किताबों का वितरण तीन साल तक किया गया फिर उसके बाद एकदम से एनसीईआरटी की पुस्तकों का वितरण रोक दिया गया। इस संबंध में जब अल्पसंख्यक मंत्री ओम प्रकाश राजभर को जानकारी हुई तो उन्होंने इस मामले में सख्ती से जवाब तलब किया है।
बता दें कि प्रदेश में वर्ष 2017 में भाजपा सरकार बनने के बाद गठित मदरसा बोर्ड ने 15 मई 2018 को मदरसों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने का आदेश दिया था। 30 मई 2018 को इसका शासनादेश जारी हुआ था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सभी मान्यता प्राप्त व अनुदानित मदरसों में एनसीईआरटी की पुस्तकों को कोर्स के शामिल करने का आदेश दिया था। शासनादेश आने के बाद तीन वर्ष एनसीईआरटी की किताबों वितरण हुआ मगर बीच में एनसीईआरटी किताबों का वितरण रोक दिया गया था।
बताया जा रहा है कि मदरसों में एनसीईआरटी की पुस्तकों के स्थान पर बेसिक शिक्षा विभाग की किताबों को वितरित करने की स्वीकृति दे दी गई थी।
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