उत्तरकाशी। शहर की मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद पर गठित एसआईटी के सामने मस्जिद इंतजामिया कमेटी मूल दस्तावेज अभी तक नहीं दिखा पा रही है। इसको लेकर प्रशासन को भी अब संदेह होने लगा है कि कहीं मस्जिद के भू दस्तावेजों में कोई हेर-फेर तो नहीं की गई है?
इस मस्जिद भवन को अवैध बताते हुए हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों ने उत्तरकाशी में विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा। बाद में अपर जिलाधिकारी और पुलिस उपाधीक्षक को शासन ने हटा दिया था और इस मस्जिद के भूमि दस्तावेजों को फिर से देखने के आदेश सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिए थे।
हिंदू संगठनों ने इस मस्जिद को हटाने की मांग को लेकर एक दिसम्बर को महापंचायत बुलाई है। मस्जिद की सुरक्षा को लेकर स्थानीय मुस्लिम हाइकोर्ट गए थे जिसके बाद मस्जिद की सुरक्षा में पुलिस कर्मियों की पिकेट लगा दी गई है। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक उत्तरकाशी मस्जिद संबंधी जो भी दस्तावेज जिला प्रशासन को दिए गए अथवा दिखाए गए वे छाया प्रति ही हैं। प्रशासन ने उनसे मूल प्रति दिखाने के लिए कहा है जिसके बाद से मुस्लिम पक्ष खामोश है।
इस मामले की जांच कर रहे भटवाड़ी के उप जिलाधिकारी मुकेश रमोला का कहना है कि हमे मूल प्रति देखनी है, उसके बाद दाखिल खारिज संबंधी पक्षों को नोटिस देंगे और उनका पक्ष जानेंगे। मूलप्रतियां न होने से संदेह उत्पन्न होना स्वाभाविक है।
दूसरी ओर हिंदूवादी संगठन इस मामले में महापंचायत करने के लिए बैठकें कर रहे हैं। जिला प्रशासन को तहसील स्तर से ज्ञापन भी भेजे गए हैं। माना जा रहा है कि एक दिसंबर को महापंचायत में हिंदू समुदाय बड़ी संख्या में उत्तरकाशी में एकत्र होगा। मस्जिद सुरक्षा मामले में आज हाई कोर्ट में सुनवाई भी होनी है।
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