उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद से जुड़ा विवाद तनावपूर्ण स्थिति में बदल गया है। इस मामले में हिंसा के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए ईंट और गिट्टी की खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया है। उप जिला मजिस्ट्रेट ने एक नोटिस जारी कर स्पष्ट किया है कि अगर किसी की छत पर पत्थर, सोडा की बोतलें या अन्य ज्वलनशील और विस्फोटक सामग्री पाई गई तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासनिक आदेश और कार्रवाई
नगरपालिका को यह आदेश दिया गया है कि सड़कों पर पड़ी मकान निर्माण सामग्री को तुरंत जब्त किया जाए। प्रशासन ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि भविष्य में पत्थरबाजी और हिंसा की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।
संभल में हाल ही में हुए पथराव और हिंसा की घटनाओं में 4लोगों की मौत हो चुकी है। पुलिस ने अब तक 25 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। दंगाइयों की पहचान के लिए इलाके के सीसीटीवी कैमरों और वीडियो फुटेज की जांच की जा रही है। ड्रोन से ली गई तस्वीरों का उपयोग कर दंगाइयों के पोस्टर जारी किए जा रहे हैं, ताकि जनता की मदद से उनकी गिरफ्तारी हो सके। जरूरत पड़ने पर इनाम भी घोषित किया जाएगा। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर इनाम भी दिया जाएगा। मुरादाबाद के कमिश्नर आंजनेय कुमार ने स्पष्ट किया है कि सर्वेक्षण इमाम साहब की सहमति से हुआ था और हंगामा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शाही जामा मस्जिद विवाद के बाद हिंसा भड़क गई थी। इसमें सड़कों पर पत्थरों का अंबार लग गया था और कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। इलाके के मकानों को भी नुकसान पहुंचा। पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। घायल पुलिसकर्मियों का इलाज जारी है, और क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात है।
संभल की शाही जामा मस्जिद का मामला अदालत में विचाराधीन है। हिंदू पक्ष का दावा है कि यह स्थल पहले हरिहर मंदिर था, जिसे ध्वस्त कर मस्जिद बनाई गई। इसी विवाद के चलते कोर्ट के आदेश पर सर्वेक्षण शुरू किया गया था। एडवोकेट कमिश्नर जब सर्वे के लिए पहुंचे, तो मस्जिद के बाहर भीड़ जमा हो गई, और हंगामे के बाद पथराव शुरू हो गया।
प्रशासन का रुख
प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि हिंसा फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पथराव में शामिल संदिग्धों को पकड़ने के लिए इलाके में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही, लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है।
फिलहाल इलाके में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन तनाव बरकरार है। प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए हैं ताकि ऐसे विवादों को आगे बढ़ने से रोका जा सके। अदालत में इस मामले की अगली सुनवाई का सभी पक्षों को इंतजार है।
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