कॉर्बेट पार्क: देश के पहले टाइगर रिजर्व कॉर्बेट पार्क में बाघों की गिनती के लिए 500 कैमरे लगाए जा रहे हैं। कॉर्बेट पार्क प्रशासन दिसंबर माह से अगले तीन माह तक विभिन्न चरणों में बाघों की गिनती करने जा रहा है। नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी, वन्य जीव संस्थान के दिशा निर्देशों के तहत पूरे भारत के सभी टाइगर रिजर्व में बाघों की गिनती का काम शुरू होने जा रहा है, हर दो साल में टाइगर की गिनती करवाई जाती है और उसी के आधार पर उनके संरक्षण और सुरक्षा की कार्ययोजना बनाई जाती है।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ साकेत बडोला के अनुसार, पार्क एरिया में दो जोन में कैमरे लगाने की प्रकिया शुरू की जा रही है। 500 कैमरे जंगल के मैदानी क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर लगाए जाएंगे जो कि 45 दिन तक लगे रहेंगे। इसके बाद अगले डेढ़ माह में पहाड़ी क्षेत्रों में कैमरे स्थापित किए जाएंगे। इन कैमरों को आमने सामने लगाया जाता है ताकि जब टाइगर इनके आगे से गुजरे तो उसके दोनों तरफ की फोटो प्राप्त हो सके।
इस फोटो का बाघ विशेषज्ञ परीक्षण करते हैं, हर बाघ की अलग धारियां होती है जिसके आधार पर उनके नाम नंबर दिए जाते हैं जिनका रिकॉर्ड फिर एनटीसीए को भेजा जाता है। उन्होंने बताया कि एक साल से कम उम्र के बाघों के शावकों की गिनती नहीं की जाती है अलबत्ता उनका रिकॉर्ड अवश्य रखा जाता है क्योंकि इनपर पार्क के सुरक्षा कर्मी नजर रखते है ताकि उन्हें कोई नुकसान न पहुंचाए।
डा बडोला ने बताया कि कॉर्बेट प्रशासन के लिए अगले तीन माह बेहद महत्वपूर्ण है, हमारी टीम अभी से पार्क क्षेत्र का दौरा करके कैमरों के स्थान निश्चित कर रही है। पूर्व में जो स्थान थे उन पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है। कॉर्बेट पार्क के अलावा ,उत्तराखंड के अन्य टाइगर रिजर्व राजा जी पार्क और अन्य वाइल्डलाइफ सेंचुरी में भी बाघों की गिनती की तैयारियां चल रही है। कॉर्बेट पार्क से सटे वेस्टर्न सर्कल में भी टाइगर्स की संख्या 200 से अधिक है। पिछली बार की राज्यवार संख्या में उत्तराखंड में 560 बाघों के होने की पुष्टि की गई थी जिनमें से घनत्व की दृष्टि से कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में देश में सबसे अधिक 225 के आसपास थी, उम्मीद की जा रही है कि इस बार ये संख्या 260 से अधिक हो जाएगी, क्योंकि यहां पिछली बार देखे गए शावक अब जवान होकर इस बार गिनती में आयेंगे।
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