सर्दियां आते ही लोग ट्रैकिंग की योजना बनाने लगते हैं। दरअसल सर्दियों का मौसम वन्य जीवन प्रेमियों और एडवेंचर लवर्स के लिए बहुत ही खास होता है। भारत में ऐसी कई जगहें हैं जहां ट्रैकिंग का अनुभव आपको दीवाना बना सकता है। पहाड़ों में ट्रैकिंग करना ज्यादातर लोगों को पसंद होता है, लेकिन भारत में कुछ ऐसे नेशनल पार्क भी हैं जो पहाड़ों से दोगुना मजा देते हैं। मध्य प्रदेश में ट्रेकिंग डेस्टिनेशन आज हम आपको मध्य प्रदेश के पेंच नेशनल पार्क के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप ट्रेकिंग का शानदार अनुभव ले सकते हैं।
पेंच नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के सिवनी और छिंदवाड़ा जिले में स्थित है। यह पार्क अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है। इस स्थान की प्राकृतिक सुन्दरता हर किसी को मोहित कर लेती है। खास बात यह है कि यही वह जगह है जिसने रुडयार्ड किपलिंग को ‘जंगल बुक’ लिखने के लिए प्रेरित किया था। इस पार्क में हरे-भरे जंगल, घाटियां और जलाशय हैं, जो इसे ट्रैकिंग और वाइल्डलाइफ सफारी के लिए एक बेहतरीन स्थल बनाते हैं।
अगर पेंच नेशनल पार्क के बफर जोन में ट्रैकिंग की बात करें ताे ये पूरी तरह से रोमांच से भरा होता है। यहां आपको लंगूरों की आवाजें, बाघों के पैरों के निशान, रोशनी में चमकते मकड़ी के जालों की झलक मिलेगी। जंगल से घिरे नदी तट पर दोस्तों के साथ दोपहर का भोजन करना आपको एक अलग दुनिया में ले जाता है।
आप यहां सकता कैम्प में रह सकते हैं। जहाँ आप शांतिपूर्ण वातावरण में स्वयं को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे। अगर आप सबसे रोमांचक पल बिताना चाहते हैं, तो झंडी मट्टा ट्रैक एक बेहतरीन विकल्प है। पेंच नेशनल पार्क में यह ट्रैक आपको जंगल की खूबसूरती को करीब से देखने का मौका देता है। यहां का अनुभव बिल्कुल अलग और अनोखा है, जैसा आपने पहले कभी नहीं किया होगा। अगर आप किसी ऐसी जगह पर जाना चाहते हैं, जो आपको ट्रैकिंग का नया और अद्भुत अनुभव दे, तो पेंच नेशनल पार्क आपके लिए एकदम सही जगह है।
जंगलों में ट्रैकिंग के दौरान गाइड कर लें। जंगल के नियमों का पालन करें। जानवरों से उचित दूरी बनाए रखना भी जरूरी है।
ट्रैकिंग के लिए सही समय का चुनाव करना बहुत जरूरी है। सुबह और शाम का समय ट्रैकिंग के लिए सबसे बेहतर होता है, क्योंकि इस समय जंगल का मौसम ठंडा रहता है और जानवरों की गतिविधियाँ भी ज्यादा होती हैं।
अगर आप पेंच नेशनल पार्क में ट्रैकिंग का प्लान कर रहे हैं, तो आप नागपुर के डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक फ्लाइट ले सकते हैं, जो पार्क से लगभग 85 किलोमीटर दूर है। इसके बाद, आप टैक्सी या बस से पार्क तक पहुंच सकते हैं। इसके अलावा, आप ट्रेन या सड़क मार्ग से भी यहां आ सकते हैं।
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