राजदूत फैसल नियाज कहते हैं कि पाकिस्तान वालों को वीजा न मिलने का मुद्दा सुलझाने के लिए वे कोशिश कर रहे हैं। लेकिन शर्त यह है कि वीजा उन्हीं को मिलेगा जब उनके पास ‘रिटर्न टिकट’ होंगे। इतना ही नहीं, ठहरने के लिए होटल बुक करने को कम से कम 3000 दरहम भी होने जरूरी हैं। बेवजह यूएई जाने की इच्छा रखने वालों की कड़ी निगरानी की जा रही है। उनके जाने का उद्देश्य साफ न होने से उनको वीजा देने से मना कर दिया जाता है।
जिन्ना के देश के लोग अगर यूएई के दुबई जैसे अत्याधुनिक महानगर में भीख का कटोरा लेकर पैसा मांगते दिखें तो यह दुबई के शासक कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं। पिछले कुछ समय से यूएई के अधिकारियों के देखने में आ रहा था कि पाकिस्तान के बहुत से लोग एक तरफा टिकट लेकर आते तो हैं लेकिन लौटते नहीं देखे जाते। तहकीकात की तो पता चला, उनमें से कई सड़कों पर भीख मांग रहे हैं। इससे गुस्साए यूएई ने अब वहां पाकिस्तानियों को अपने देश का वीसा देने के नियम बहुत सख्त कर दिए हैं। पता चला है कि बिना ‘रिटर्न टिकट’ लिए जिन्ना के देश वालों को अब वीसा मुश्किल से ही मिल पाएगा।
इस बात की पुष्टि खुद यूएई में कार्यरत पाकिस्तानी राजदूत ने की है। बताया है कि पाकिस्तान के नागरिकों को उस देश ने वीसा देने से तौबा कर ली है। यूएई में पाकिस्तानी राजदूत फैसल नियाज ने इस बात की पुष्टि मजबूरी में तब की जब बड़ी संख्या में जिन्ना के देश वालों ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ऐसी शिकायतें कीं कि उन्हें यूएई का वीजा नहीं दिया जा रहा है। इसके बाद राजदूत ने पूछताछ शुरू की तो यूएई के प्रशासन ने साफ कह दिया कि अब उन्हें वीजा आसानी से नहीं मिल पाएगा।
यूएई के नियमों के कड़े होने के बाद बहुत से पाकिस्तानी नागरिक यूएई के वीजा से वंचित कर दिए गए हैं। सही वजह से भी उन्हें वीजा मिलने में भारी मुसीबत झेलनी पड़ रही है। पाकिस्तान का नाम सुनते ही यूएई के वीजा अधिकारी इतने बौखला जाते हैं कि पाकिस्तान के नामी—गिरामी लोग और बड़े व्यवसायियों को भी यूएई के वीजा के लिए मिन्नतें करनी पड़ रही हैं। राजदूत फैसल नियाज ने माना है कि उनके देश वाले यूएई का वीजा पहले की तरह हासिल नहीं कर पा रहे हैं।
दरअसल, जिन्ना के देश में भुखमरी के हालात हैं, पैसा है भी तो कुछ मुट्ठीभर अमीरों और नेताओं के पास। पाकिस्तान का आम आदमी मेहनत मजदूरी करके भी दो वक्त की रोटी ठीक से नहीं खा पा रहा है। वहां बेरोजगारी चरम पर है, कल—कारखाने कभी रहे ही नहीं, इसलिए गरीबी से तंग आकर कई लोग पैसा जुटाकर यूएई चले गए और वहां सड़कों पर भीख मांगते पकड़े गए। उनकी वजह से कंगाल देश का नाम और कुख्यात हो गया। आखिरकार यूएई को ऐसा कड़ा कदम उठाना ही पड़ा।
पाकिस्तान के यूएई में कार्यरत दूतावास की ओर से ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा किया गया है। वीडियो में राजदूत फैसल नियाज कहते हैं कि पाकिस्तान वालों को वीसा न मिलने का मुद्दा सुलझाने के लिए वे कोशिश कर रहे हैं। लेकिन शर्त यह है कि वीसा उन्हीं को मिलेगा जब उनके पास ‘रिटर्न टिकट’ होंगे। इतना ही नहीं, ठहरने के लिए होटल बुक करने को कम से कम 3000 दरहम भी होने जरूरी हैं। बेवजह यूएई जाने की इच्छा रखने वालों की कड़ी निगरानी की जा रही है। उनके जाने का उद्देश्य साफ न होने से उनको वीजा देने से मना कर दिया जाता है।
यूएई में पाकिस्तानी लोग इतने नापसंद किए जाने लगे हैं कि शक्ल से पहचानकर लोग जिन्ना के चहेतों से दूर हो जाते हैं। या कोई पाकिस्तानी किसी दुकान में जाता है तो दुकान वाला अतिरिक्ना सतर्क हो जाता है। मॉल और बाजारों में उठाईगिरी के अधिकांश मामलों में पाकिस्तानी मर्द—औरतें शामिल देखी गई हैं। पुलिस भी पाकिस्तानियों से व्यवहार करते हुए जरूरत से ज्यादा सतर्कता बरतती है।
इतना ही नहीं, पाकिस्तानी फर्जी कागजों के दम पर यूएई में जाते और ‘गायब’ होते पाए गए हैं। उनके यूएई में अपराध करने के भी अनेक मामले सामने आते रहे हैं।
खबर है कि, यूएई के प्रशासन ने वहां के पाकिस्तानी राजदूत के साथ बैठक भी की है जिसमें राजदूत ने अपने लोगों की शिकायतें सामने रखीं तो यूएई के अधिकारियों ने राजदूत के सामने पाकिस्तानियों की वजह से कानून—व्यवस्था को आ रही दिक्कतें सामने रख दीं। यूएई सरकार ने ऐसे अनेक विषयों को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान वालों के लिए वीजा की मनाही कर दी। इस नए नियम के बारे में पाकिस्तान के दूतावास ने अपनी सरकार को अवगत करा दिया है।
इतना ही नहीं, यूएई के अधिकारी पाकिस्तानियों की वजह से अपने यहां तनाव बढ़ने को लेकर भी चिंतित रहे हैं। जिन्ना के देश वाले उनके यहां के शांत महौल में राजनीति करते हैं, प्रदर्शन करते हैं, अव्यवस्था फैलाते हैं और ये सब चीजें यूएई के कानूनों में प्रतिबंधित हैं। पाकिस्तानी वहां फर्जी डिग्रियों और कागजों के आधार पर नौकरी पाने की कोशिश करते हैं और पकड़े जाने पर मुफ्त में जेल की रोटी तोड़कर खुश होते हैं।
यूएई में विभिन्न देशों के नागरिक रहते हैं, लेकिन वे पाकिस्तानियों की तरह गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल नहीं पाए जाते। जबकि पाकिस्तानी चोरी—चकारी, फर्जीवाड़े, भीख मांगने, वेश्यालय चलाने तथा मादक पदार्थों से जुड़े अपराधों को करने से परहेज नहीं करते। आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं।
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