अब कनाडा में भी पुलिस हिंदू समुदाय पर दबाव बनाती नजर आ रही है। हालांकि, इस बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। एक तरफ खालिस्तानी समूहों की धमकियां और तनाव हैं, तो दूसरी तरफ पुलिस द्वारा सुरक्षा के बदले पैसे की मांग की खबर ने पूरे समुदाय को झकझोर कर रख दिया है।
न्यूज 18 की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि पील पुलिस ने हिंदू संगठनों से कथित तौर पर सुरक्षा देने के बदले 70 हजार डॉलर की मांग की है। इससे हिंदू संगठन के लोग नाराज हैं और कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार पर अल्पसंख्यक अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया जा रहा है। कई हिंदू संगठनों का कहना है, “हम भी तो टैक्स दे रहे हैं फिर यह भेदभाव क्यों?”
खालिस्तानी समूहों का बढ़ता प्रभाव और हिंदू विरोधी माहौल
सूत्रों के मुताबिक प्रशासन पर खालिस्तानी समूहों की ओर से हिंदू कार्यक्रमों को रद्द करने का दबाव है। कनाडा के विभिन्न शहरों में खालिस्तानी समर्थक समय-समय पर भारत विरोधी नारेबाजी और हिंसक प्रदर्शन करते रहे हैं, जिससे हिंदू समुदाय असुरक्षित महसूस कर रहा है। साथ ही, खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा राम मंदिर पर हमले की धमकी ने इस माहौल को और भयावह बना दिया है।
यह विवाद ऐसे समय में हो रहा है जब भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार खालिस्तानी समूहों के दबाव में है। ट्रूडो सरकार और कुछ अन्य नेता खालिस्तानी समूहों के प्रति नरम रवैया अपनाए हुए हैं, जिससे कनाडा के अल्पसंख्यक समुदायों में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है।
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अयोध्या में राम मंदिर पर हमले की धमकी दी है, जिसके बाद रामजन्मभूमि परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और इलाके को हाई अलर्ट पर रखा गया है। पन्नू ने अपने एक नए ऑडियो संदेश में 16 और 17 नवंबर को हमले की धमकी दी, जिसके चलते सुरक्षा इंतजाम और कड़े कर दिए गए हैं।
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