विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने धर्मांतरण के खिलाफ एक अभियान की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य धर्मांतरण से प्रभावित लोगों की घर वापसी को सुनिश्चित करना है। इस प्रयास के तहत विहिप ने एक “धर्म प्रसार विभाग” का गठन किया है, जो सबसे पहले धर्मांतरित लोगों का सर्वेक्षण करेगा और उनके धर्मांतरण के कारणों की पहचान करेगा। इसे “मतांतरण मुक्त विकासखंड-जिला अभियान” नाम दिया गया है। अभियान का पहला चरण छत्तीसगढ़ के सात जिलों में विशेष रूप से केंद्रित रहेगा, जहां धर्मांतरण की घटनाएं अधिक देखी गई हैं।
विहिप का उद्देश्य धर्मांतरण के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना और धर्मांतरित लोगों को हिंदू धर्म में वापस लाना है। इस अभियान के तहत धर्म प्रसार विभाग की योजना धर्मांतरण से प्रभावित क्षेत्रों में सर्वेक्षण करने की है, जिसमें यह पता लगाया जाएगा कि किस प्रकार के प्रलोभनों के कारण लोग अपना धर्म बदल रहे हैं। छत्तीसगढ़ के आदिवासी वन क्षेत्रों से लेकर मैदानी इलाकों तक सर्वेक्षण कार्य चल रहा है, जिसमें उन लोगों की जानकारी एकत्र की जा रही है, जिन्होंने किसी लालच या दबाव में धर्म परिवर्तन किया है।
घर वापसी
विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रशेखर वर्मा ने बताया कि घर वापसी के लिए अभियान में व्यापक गतिविधियाँ शामिल हैं। धर्मांतरण से प्रभावित लोगों से संपर्क स्थापित करने के लिए हनुमान चालीसा, सुंदरकांड पाठ, प्रभात फेरी, सामुदायिक भोज, सेमिनार और यज्ञ जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। हर मंगलवार को धार्मिक स्थलों पर सामुदायिक बैठकें होंगी, जहां जल संरक्षण, गौ संरक्षण, और समाज में फैली हिंदू विरोधी गतिविधियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।
कार्यकर्ताओं का नियोजन और प्रशिक्षण
घर वापसी अभियान को सफल बनाने के लिए विहिप नए कार्यकर्ताओं को नियुक्त करेगा और उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करेगा। धर्मांतरण से प्रभावित लोगों से व्यक्तिगत संपर्क बढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे ताकि वे समाज में अपना स्थान पुनः प्राप्त कर सकें।
धर्मांतरण विरोधी कानून की मांग
विहिप का मानना है कि धर्मांतरण की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए एक सख्त कानून की आवश्यकता है। संगठन की यह भी मांग है कि धर्म परिवर्तन करने के बाद हिंदुओं को हिंदू धर्म के अंतर्गत मिलने वाली सुविधाओं का लाभ नहीं मिलना चाहिए। विहिप के अनुसार, यदि एक हिंदू दूसरे धर्म में परिवर्तित होता है, तो उसे वही लाभ मिलना चाहिए जो उस धर्म में धर्मांतरण के बाद उपलब्ध हो, ताकि लोगों को प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने की घटनाओं को रोका जा सके।
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