रांची, (हि.स.)। बांग्लादेशी घुसपैठ मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम झारखंड में रांची और पाकुड़ सहित पश्चिम बंगाल के 24 परगना और कोलकाता में कुल 17 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। ईडी की टीम ने मंगलवार सुबह रांची के बरियातू स्थित होटल स्काई लाइन, आश्वी डायग्नोसिस, बाली रिसॉर्ट और माउंटेन व्यू रिसोर्ट सहित छह ठिकानों पर पहुंचकर तलाशी ले रही है। इसके अलावा पाकुड़ के पिरतल्ला में अल्ताफ मनकर के यहां भी छापेमारी चल रही है।
ईडी के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी के दौरान अब तक फर्जी आधार, जाली पासपोर्ट, अवैध हथियार, अचल संपत्ति के दस्तावेज, नकदी, आभूषण, प्रिंटिंग पेपर, प्रिंटिंग मशीन और आधार बनाने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले खाली प्रोफार्मा सहित कई सामान बरामद किये गये हैं।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने 16 सितंबर को झारखंड में बांग्लादेशी महिलाओं की तस्करी और संदिग्ध घुसपैठ की जांच के लिए मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया था। ईडी का आरोप है कि यह कथित रूप से काले धन को उत्पन्न करने के लिए किया गया। इस संदर्भ में ईडी ने पीएमएलए के तहत केस दर्ज किया है। यह मामला झारखंड पुलिस की एक जांच रिपोर्ट पर आधारित है, जिसे जून में रांची के बरियातू पुलिस थाना में दर्ज किया गया था।
पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की थी, जिससे पता चला कि उसने काम की तलाश में दलालों की सहायता से बांग्लादेश से भारत में प्रवेश किया। इस मामले में पांच से छह महिलाओं को आरोपित के रूप में नामित किया गया था, जिन्हें एक स्थानीय रिसॉर्ट में छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया था। शिकायतकर्ता ने कहा था कि उन्हें ब्यूटी सैलून में नौकरी दिलाने का वादा करके वेश्यावृत्ति के लिए बांग्लादेश से भारत लाया गया था।
एफआईआर के अनुसार, 21 वर्षीय बांग्लादेशी युवती को एक अन्य लड़की की मदद से कोलकाता लाया गया था। इसके बाद 31 मई की रात निजी एजेंटों की सहायता से युवती को जंगल क्षेत्र से अवैध रूप से बांग्लादेश की सीमाओं को पार कराया गया था। इसके अलावा यह मामला उन एजेंटों से संबंधित है, जो बांग्लादेशी नागरिकों की भारत में अवैध घुसपैठ में संलग्न हैं और उन्हें भारतीय नागरिकता स्थापित करने के लिए फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराते हैं।
ईडी के अनुसार, कई व्यक्ति अवैध घुसपैठ और फर्जी पहचान प्रमाण बनाने से संबंधित गतिविधियों में संलिप्त हैं। ऐसे में बांग्लादेश से भारत में अवैध घुसपैठ करने वाले व्यक्तियों और संबंधित एजेंटों के खिलाफ जांच करना अत्यंत आवश्यक है, जिसका उद्देश्य काला धन बनाना और अन्य आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त होना है। इसके लिए एक व्यापक और गंभीर जांच आवश्यक है।
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