नई दिल्ली। पद्म पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार को निधन हो गया। उन्होंने 72 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। सोमवार की शाम को ही शारदा सिन्हा की तबीयत अधिक बिगड़ गयी थी और उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा था। शारदा सिन्हा छठ गीतों का पर्याय थीं।
मंगलवार को उनके बटे अंशुमान सिंहा ने एक्स पर पोस्ट करके जानकारी दी कि आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा मां के साथ रहेंगे। मां को छठी मईया ने अपने पास बुला लिया है। मां अब शारीरिक रूप में हम सब के बीच नहीं रहीं। शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमन ने सोमवार को उनका नया छठ गीत ‘दुखवा मिटाईं छठी मईया’ रिलीज किया था।
सुपौल में जन्म हुआ
शारदा सिन्हा का जन्म बिहार के सुपौल में 1 अक्टूबर 1952 को हुआ था। उनकी ससुराल बेगूसराय जिले में है। शारदा सिन्हा ने गायिकी की शुरुआत मैथिली लोकगीतों से की थी। उन्होंने भोजपुरी, मगही और हिंदी में भी कई गीत गाए। वह छठ पर्व पर कई साल से प्रस्तुति देती रही हैं।
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