लखनऊ । आगामी महाकुंभ को देखते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने मांग की है कि मेला क्षेत्र में किसी भी मुस्लिम व्यक्ति को दुकान आवंटित न की जाए। अखाड़ा परिषद का मानना है कि हाल-फिलहाल में कई ऐसी घटनाएं प्रकाश में आई हैं जिसमें यह पाया गया कि मुस्लिम युवकों द्वारा खाद्य पदार्थ में थूकने एवं अन्य प्रकार की गंदगी मिलाई जा रही थी। इस प्रकार की अधिकतर घटनाएं मुसलमानों द्वारा की जा रही थी। इसलिए यह बेहतर होगा कि मुसलमान दुकानदारों को मेला क्षेत्र से दूर रखा जाए। अगर किसी मुसलमान को दुकान आवंटित की गई और इस प्रकार की घटना हुई तो साधु – समाज आक्रोशित हो सकता है। ऐसे में मेले का स्वरूप बिगड़ भी सकता है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी का कहना है कि जिन संस्थाओं या दुकानदारों के प्रमुख हिंदू सिख, जैन या बौद्ध नहीं हैं। उनको महाकुंभ में शिविर स्थापित करने या भूमि की सुविधा नहीं दी जानी चाहिए। किसी भी जाति या धर्म विशेष के लोगों से हम लोगों की कोई दुश्मनी नहीं है मगर हाल के समय में जिस प्रकार से खाद्य पदार्थों में थूक एवं अन्य प्रकार की गंदगी मुसलमानों द्वारा मिलाई जा रही थी। उसको देखते हुए यह सावधानी बरती जा रही है।
अखाड़ा परिषद ने यह निर्णय लिया है कि मेला क्षेत्र में किसी भी मुस्लिम दुकानदार को दुकान आवंटित न की जाए। मुसलमानों द्वारा खाद्य पदार्थ में थूकने की घटना से सनातन धर्म की अनुयायियों को ठेस पहुंचती है। मेला क्षेत्र में इस प्रकार का कृत्य करता हुआ अगर कोई पाया गया तो इससे साधु-संत आक्रोशित हो सकते हैं।
साधु-संतों के आक्रोशित होने से मेले का स्वरूप बिगड़ सकता है। मेला क्षेत्र में शांति-व्यवस्था कायम रहे। सब कुछ सुचारू रूप से चले इसके लिए हमारी मेरा प्रशासन से यह मांग है कि मुसलमान दुकानदारों को दुकान आवंटित न की जाए।
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