भारत की मोदी सरकार की नीतियों में किसी भी तरीके से भारत की विदेशों में गईं संपत्तियों और संपदाओं को वापस लाना प्राथमिकता पर रहा है। इसी के तहत अमेरिका और अन्य कुछ देशों में भारत से चोरी या तस्करी के रास्ते गईं अमूल्य प्राचीन प्रतिमाओं और धरोहरों को भी लौटाने का उपक्रम चल रहा है। इसी क्रम में सोने को वापस लाया जाना अपनी संपत्ति को अपने पास रखने की केन्द्र सरकार की कोशिशों को ही दर्शाता है।
दिवाली के इस त्योहार ने भारत के सोने के भंडार को समृद्ध कर दिया है। भारत का विदेशी तिजोरी में कैद सोना अब मोदी सरकार की कूटनीति और दूरदृष्टि की बदौलत तेजी से घर लौट रहा है। दिवाली पर इसकी एक बड़ी खेप लौटी है। 102 टन सोने की इस खेप के भारत के भंडार में लौटने पर आज हमारा सोने का भंंडार 855 टन का हो गया है।
भारत सरकार के प्रमुख बैंकिंग संस्थान भारतीय रिजर्व बैंक की यह एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इस दिवाली पर दूसरे देशों में कैद हमारे सोना का लौटना मां लक्ष्मी की एक बड़ी कृपा माना जा रहा है। धनतेरस के दिन 102 टन सोना वापस लौटा है तो निश्चित ही देश के लिए यह धन की वर्षा होने जैसा ही है। इसी को मिलाकर देश का सोने का कुल भंडार 855 टन हुआ है।
हमारा यह सोना कांग्रेस के काल में साल 1990 की शुरुआत में ब्रिटेन को दिया गया था, जिसके बदले मिले कर्ज से तब सरकार सरकारी वेतन चुका पाई थी। आज भारत के रिजर्व बैंक ने ब्रिटेन के बैंक ऑफ इंग्लैंड के खजाने में जमा भारत के कुल सोने से अगली किश्त के नाते 102 टन सोना वापस किया है जिसे भारत के रिजर्व बैंक ने अपनी तिजोरी में दर्ज कर लिया है। कहना न होगा, आज रिजर्व बैंक का भंडार पहले कभी के भी मुकाबले बहुत समृद्ध है। 855 टन का यह भंडार दुनिया में भारत की बढ़ती आर्थिक समृद्धि का भी परिचायक है।
यहां यह जानना भी उत्साहवर्धक होगा कि भारत ने सितंबर 2022 से अब तब अपना 214 टन सोना दूसरे देश से वापस लिया है। सोने की यह आमद दिखाती है कि रिजर्व बैंक अपनी कीमती संपत्ति और संपदाओं को अपने हाथ में रखने को कितना प्रयत्नशील है।
भारत की मोदी सरकार की नीतियों में किसी भी तरीके से भारत की विदेशों में गईं संपत्तियों और संपदाओं को वापस लाना प्राथमिकता पर रहा है। इसी के तहत अमेरिका और अन्य कुछ देशों में भारत से चोरी या तस्करी के रास्ते गईं अमूल्य प्राचीन प्रतिमाओं और धरोहरों को भी लौटाने का उपक्रम चल रहा है। इसी क्रम में सोने को वापस लाया जाना अपनी संपत्ति को अपने पास रखने की केन्द्र सरकार की कोशिशों को ही दर्शाता है।
अर्थशास्त्री मानते हैं कि विश्व की स्थितियों के दुष्कर होने या वैश्विक हालात असामान्य होने पर इस प्रकार की आर्थिक सुरक्षा के लिए मोदी सरकार की सोच की प्रशंसा की जानी चाहिए। हम जानते ही हैं, विश्व आज किन परिस्थितियों से गुजर रहा है, लेकिन भारत पर उसका वैसा असर नहीं पड़ा है तो यह कदम सरकार की दूर की सोच ही दर्शाता है।
आज रिजर्व बैंक के आंकड़े बताते हैं कि देश का सोने का कुल भंडार 855 टन हो गया है। भारत में देश के अंदर अपनी संपदाओं का प्रबंधन और अर्थ सुरक्षा अपने हाथ में रहे, इस दृष्टि से भारत का यह कदम विदेशों में भी सराहा जा रहा है।
दिवाली से एक दिन पहले यह सोना विशेष विमान से विशेष सुरक्षा के साथ लाया गया। इस मौके पर विशेष प्रोटोकॉल अपनाए गए थे। जैसा पहले बताया कि भारत किस्तों में अपना सोना विदेशों से वापस ला रहा है। इसी वर्ष मई माह में भी भारत बैंक ऑफ इंग्लैंड से 100 टन सोना वापस पा चुका है जिसे अपने भडार में सहेजा जा चुका है।
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