तेहरान । 1989 में रूहुल्लाह खुमैनी के बाद से ईरान के सर्वोच्च नेता के रूप में कार्यभार देख रहे अयातुल्ला अली खामेनेई से जुडी एक खबर ने हडकंप मचा दिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स और येरूशलम पोस्ट की रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि 85 वर्षीय खामेनेई की तबीयत बेहद खराब है। ऐसे में, ईरान के सर्वोच्च नेता के उत्तराधिकारी की तलाश तेज हो गई है, और उनके बेटे मोजतबा खामेनेई का नाम उत्तराधिकारियों में सबसे आगे बताया जा रहा है।
तेहरान पर इजरायली हमले के 24 घंटे बाद आई बड़ी खबर
यह खबर ऐसे समय पर आई है जब तेहरान पर इज़राइली हमले के 24 घंटे ही बीते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस ख़बर का असर न केवल ईरान की आंतरिक राजनीति पर पड़ेगा, बल्कि इससे मध्य-पूर्व में कई तरह के राजनीतिक और कूटनीतिक बदलाव भी आ सकते हैं।
उत्तराधिकारी की तलाश में मोजतबा खामनेई सबसे आगे
खामेनेई की स्थिति को लेकर सामने आई रिपोर्ट्स में उनके उत्तराधिकारी के रूप में उनके दूसरे सबसे बड़े बेटे मोजतबा खामेनेई का नाम सामने आ रहा है। मोजतबा को ईरान के मजहबी और राजनीतिक संगठनों में व्यापक समर्थन प्राप्त है। इस प्रक्रिया में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी, जो देश में शक्ति और सुरक्षा का सबसे मजबूत स्तंभ है।
उत्तराधिकार पर “शांत लड़ाई” का दावा
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि खामेनेई की गंभीर स्थिति ने उसके उत्तराधिकार को लेकर एक “शांत लड़ाई” को जन्म दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, खामेनेई के बाद उनके उत्तराधिकारी के चयन में IRGC का अहम योगदान होगा, क्योंकि संगठन अपने हितों को संरक्षित रखने के लिए एक प्रभावशाली व्यक्ति को सर्वोच्च नेता के रूप में देखना चाहता है।
ईरान की राजनीति पर असर और मध्य-पूर्व में बढ़ता तनाव
अयातुल्ला खामेनेई का उत्तराधिकार केवल ईरान के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे मध्य-पूर्व में तनाव को और बढ़ा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि खामेनेई की अनुपस्थिति से ईरान में अस्थिरता बढ़ सकती है, जिससे क्षेत्रीय स्तर पर अमेरिका और इज़राइल के साथ संबंधों में तनाव का और बढ़ना संभावित है।
खामेनेई के उत्तराधिकारी पर जल्द फैसला संभव
मई में ईरान के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु के बाद से ही उत्तराधिकार को लेकर चर्चा बढ़ गई थी। अब खामेनेई के गंभीर बीमार होने की खबरों ने इस प्रक्रिया को और तेज कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि खामेनेई के बाद ईरान को एक नए नेतृत्व की आवश्यकता होगी, जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की स्थिरता और शक्ति को बनाए रख सके।
खामनेई का योगदान और उत्तराधिकार की चुनौतियां
अयातुल्ला खामेनेई, जिन्होंने 1989 में रूहुल्लाह खुमैनी के बाद से ईरान के सर्वोच्च नेता के रूप में कार्यभार संभाला है, का ईरान के विकास और सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। खामेनेई की अनुपस्थिति में, ईरान के नए सुप्रीम लीडर को देश की राजनीतिक और मजहबी सत्ता को एक संतुलन में बनाए रखना होगा।
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