कनाडा में पूर्व भारतीय राजनयिक संजय वर्मा ने खालिस्तानी आतंकवादियों की कार्यप्रणाली पर बड़ा खुलासा किया है। एक मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में वर्मा ने बताया कि किस प्रकार खालिस्तानी आतंकवादी कनाडा में भारतीय छात्रों को अपने जाल में फंसाते हैं। उनका कहना है कि कनाडा में खालिस्तानी आतंकियों द्वारा भारतीय छात्रों को खाना और पैसे का लालच देकर उन्हें अपने एजेंडे में शामिल किया जा रहा है।
खालिस्तानी आतंकियों की भर्ती का तरीका
संजय वर्मा ने कहा कि कनाडा में भारतीय छात्रों को पैसे और भोजन का लालच दिया जाता है। इसके बाद उन्हें खालिस्तान समर्थक गतिविधियों में शामिल किया जाता है। आतंकवादी छात्रों से तिरंगे का अपमान कराकर उनके फोटो और वीडियो बनाते हैं, जिसके बाद उन्हें धमकाया जाता है कि अगर वे भारत लौटे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस प्रकार वे छात्रों को कनाडा में शरण लेने के लिए मजबूर करते हैं।
भारतीय छात्रों के लिए खतरा
वर्मा ने बताया कि 2023 में कनाडा में लगभग 3,19,000 भारतीय हैं, जिनमें से अधिकतर छात्र हैं। इन छात्रों पर खालिस्तानी आतंकियों और कट्टरपंथियों का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि कनाडा में आर्थिक संकट और बेरोजगारी की वजह से खालिस्तानी आतंकवादी आसानी से छात्रों को अपने झांसे में फंसा लेते हैं।
अभिभावकों के लिए अपील
संजय वर्मा ने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों पर नजर रखें और उनसे नियमित रूप से बात करें। उन्होंने कहा कि कनाडा में रहने वाले भारतीय छात्रों को अपने आसपास के खतरों से सतर्क रहना चाहिए और खालिस्तानी आतंकवादियों के कट्टरपंथी प्रयासों का विरोध करना चाहिए।
भारत-कनाडा कूटनीतिक विवाद यह कूटनीतिक विवाद उस समय और बढ़ गया जब जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने खालिस्तानी आतंकियों के पक्ष में कदम उठाए, जिससे भारत ने अपने वरिष्ठ राजनयिकों को वापस बुला लिया, जिनमें राजदूत संजय वर्मा भी शामिल थे।
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