कर्णावती । राज्य के हर कोने तक स्वच्छ पानी पहुंचाना हमेशा से गुजरात सरकार की प्राथमिकता रही है। परिणामस्वरूप नई दिल्ली में आयोजित ‘राष्ट्रीय जल पुरस्कार- अवार्ड’ कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा गुजरात और पुडुचेरी को उत्कृष्ट राज्य की श्रेणी में देश में तीसरा स्थान प्राप्त करने पर पुरस्कृत किया गया है। जो पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है।
इस पुरस्कार के लिए केंद्रीय जल आयोग और मृदा बोर्ड द्वारा मूल्यांकन और भौतिक सत्यापन के बाद उत्कृष्ट राज्यों की श्रेणी में ओडिशा को पहला, उत्तर प्रदेश को दूसरा एवम गुजरात और पुडुचेरी को तीसरा स्थान दिया गया है।
नई दिल्ली में आयोजित ‘राष्ट्रीय जल पुरस्कार’ कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एवं केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल की उपस्थिति में गुजरात सरकार के जल संसाधन विभाग के सचिव पी. सी. व्यास ने यह पुरस्कार स्वीकार किया।
राज्य में सुदृढ़ जल प्रबंधन के लिए गुजरात ने उठाये महत्वपूर्ण कदम
तत्कालीन मुख्यमंत्री और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशन में, गुजरात ने जल प्रबंधन के क्षेत्र में कई नवीन और सफल परियोजनाएँ शुरू की हैं। जिसमें सुजलाम-सुफलाम जल अभियान के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 5,000 से अधिक जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन संरचनाएं लागू की गई हैं। इसके अलावा विभिन्न जल संरक्षण कार्यक्रमों के लिए लगभग रु. 800 करोड़ का निवेश हुआ है। इसके अलावा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत जल सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए 2.8 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि तक सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का विस्तार किया गया है। जबकि पीएमकेएसवाई के तहत ड्रिप और फव्वारा सिंचाई प्रणाली के लिए लगभग रु. 500 करोड़ का आवंटन किया गया है। पीएमकेएसवाई और मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना के तहत पहल से पानी की खपत में 20 प्रतिशत की कमी आई है और कृषि उत्पादन में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
₹ 200 करोड़ की लागत से 1200 गांव में उपभोक्ता संघ बनाए गए
जल दक्षता प्रौद्योगिकी और किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए एक हजार करोड़ का निवेश भी हुआ है। राज्य के नेतृत्व वाले कार्यक्रम के तहत, रु 200 करोड़ की लागत से लगभग 1200 गांवों में जल उपभोक्ता संघ भी बनाए गए हैं। ईसके अलावा, राज्य के आंतरिक क्षेत्रों में जल आपूर्ति प्रबंधन के लिए ‘जल जीवन मिशन’ के तहत, राज्य के 90 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को रु 3500 करोड़ की लागत से नल कनेक्शन उपलब्ध कराये गये हैं। वहीं, वर्ष 2025 तक 100 फीसदी घरों में नल कनेक्शन देने का लक्ष्य है। कायाकल्प और शहरी परिवर्तन (अमृत) के लिए अटल मिशन जैसी योजनाओं के तहत, रु। 2,000 करोड़ रुपये की लागत से 100 फीसदी शहरी इलाकों में पानी उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।
इस प्रकार, गुजरात पूरे देश में जल संसाधन क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के उपयोग में अग्रणी है। इन प्रयासों से जल संरक्षण, आपूर्ति प्रबंधन और कृषि उत्पादकता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप गुजरात राष्ट्रीय जल पुरस्कारों में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला राज्य बन गया है।
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