इस वर्ष नवरात्र के अवसर पर मंदसौर में एक ऐसा आयोजन हुआ, जिसकी चर्चा दूर-दूर तक हुई। सामाजिक संस्था ‘युवधर्म’ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में बेटियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया। मनीष भाटी के निर्देशन में 20 बहनों ने प्रशिक्षु बेटियों को प्रशिक्षण दिया। नियुद्ध प्रशिक्षण प्रवीण भंडारी के निर्देशन में अभिरुचि भंडारी, मिति जैन सहित गुरुओं ने दिया।
कुल 130 बेटियों ने आत्मरक्षा का प्रशिक्षण प्राप्त किया। संस्था के संस्थापक हितेश शुक्ला ने बताया कि कोलकाता, दिल्ली जैसे शहरों में बेटियों के साथ जो घटनाएं हुई हैं, वे मन को दु:खी करती हैं। बेटियां ऐसी चुनौतियों से निपट कर अपनी रक्षा कर सकें, इसी उद्देश्य से बेटियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया। इसका समापन दशहरा के दिन हुआ।
समापन समारोह में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकीं बेटियों ने आत्मरक्षार्थ शस्त्र संचालन का सार्वजनिक प्रदर्शन किया। जब बेटियों ने तलवारें भांजी, तब उपस्थित जन समुदाय आश्चर्यचकित रह गया। कार्यक्रम में बेटियों को शस्त्र भेंट किए गए।
इस अवसर पर पशुपतिनाथ वैदिक पाठशाला के बटुकों ने मंत्रोच्चार द्वारा वातारण में पवित्रता और ऊर्जा का संचार किया। वहीं कथावाचक दशरथ भाई ने कहा कि शक्ति सुरक्षा का प्रतीक है। जहां शक्ति नहीं, वहां असुरक्षा का वातावरण सदैव बना रहता है। भारत में नारी को पुरातन काल से शक्ति का प्रतीक माना गया है।
नारी को शस्त्र विद्या देने की परंपरा प्राचीन काल से ही रही है। मंच पर मुख्य अतिथि के रूप में बड़े वाहनों का पंचर बना कर परिवार का पोषण करने वालीं मीना सोलंकी, मुक्तिधाम में कोरोना काल में अपनी सेवाएं देने वालीं रेखा भाटी, नियुद्ध शिक्षिका बहन कुमकुम एवं बहन संजना उपस्थित थीं।
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