प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में भारत मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2024 और विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा (WTSA) के 8वें संस्करण का उद्घाटन किया। यह आयोजन भारत और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में पहली बार हो रहा है। यह आयोजन वैश्विक दूरसंचार मानकों को स्थापित करने और डिजिटल नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत की दूरसंचार यात्रा
मोदी ने अपने संबोधन में भारत की दूरसंचार क्षेत्र में प्रगति को उजागर किया। उन्होंने कहा कि आज भारत में मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं की संख्या 120 करोड़ (1.2 अरब) और इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 95 करोड़ (950 मिलियन) है। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत दुनिया के रियल टाइम डिजिटल लेन-देन का 40% से अधिक संभालता है, जिसमें यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) ने भुगतान प्रणाली को क्रांतिकारी रूप से बदल दिया है।
मोदी ने कहा, “पिछले दस वर्षों में, भारत ने ऑप्टिकल फाइबर बिछाने में इतनी प्रगति की है कि यह पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से आठ गुना अधिक है।” उन्होंने यह भी बताया कि भारत अब 6G तकनीक को तेजी से अपनाने वाला दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है और 6G की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।
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डिजिटल समावेशन और नवाचार
प्रधानमंत्री ने डिजिटल प्लेटफार्मों, जैसे (जन धन, आधार, और मोबाइल), के माध्यम से लाखों अवसरों का सृजन करने पर जोर दिया। उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान इन प्लेटफार्मों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला जैसे कि वास्तविक समय वित्तीय लेन-देन और टीकाकरण अभियान का सुचारू कार्यान्वयन।
पीएम ने महिलाओं को तकनीक के माध्यम से सशक्त बनाने की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए “ड्रोन दीदी” कार्यक्रम और “बैंक सखी” कार्यक्रम जैसे उदाहरण दिए। इनमें ग्रामीण महिलाएं तकनीकी प्रयासों का नेतृत्व कर रही हैं। उन्होंने कहा, “भारत तकनीकी क्षेत्र को समावेशी बना रहा है, जिसमें STEM छात्रों में 40% महिलाएं हैं।”
वैश्विक डिजिटल शासन का महत्व
मोदी ने डिजिटल तकनीक के मानकों को स्थापित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक की सीमाएं नहीं होतीं, इसलिए सभी देशों को मिलकर साइबर खतरों का सामना करना चाहिए। उन्होंने वैश्विक संस्थानों से सुरक्षा, नैतिक एआई और डेटा गोपनीयता पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।
पीएम ने कहा कि हमें सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने भारत के डेटा सुरक्षा अधिनियम और राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति का उदाहरण देते हुए कहा कि ये दोनों हमारे डिजिटल सुरक्षा के प्रति हमारी गंभीरता को दर्शाते हैं।
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IMC और WTSA: भविष्य की तकनीकों के लिए प्रमुख मंच
WTSA, जिसे अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) द्वारा आयोजित किया जा रहा है, पहली बार भारत में हो रहा है। यह सभा अगली पीढ़ी की तकनीकों जैसे AI, 6G, IoT(इंटरनेट ऑफ थिंग्स) और साइबर सुरक्षा के लिए वैश्विक मानकों को स्थापित करने का लक्ष्य रखती है। IMC एशिया का सबसे बड़ा डिजिटल प्रौद्योगिकी मंच है। इसमें 400 से अधिक प्रदर्शक और 900 स्टार्टअप और 120 देशों के प्रतिभागि शामिल हैं।
समावेशी विकास
मोदी ने वैश्विक कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने में भारत की भूमिका पर जोर दिया। “भारत का मिशन हमेशा दुनिया को जोड़ना और प्रगति के नए दरवाजे खोलना रहा है,” उन्होंने कहा।
प्रधानमंत्री ने WTSA और IMC प्रतिभागियों को जिम्मेदार, समावेशी, और टिकाऊ नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया। “हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि कोई भी देश या समुदाय डिजिटल परिवर्तन में पीछे न रहे,” मोदी ने कहा।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और अन्य प्रमुख उद्योग नेताओं तथा दूरसंचार विशेषज्ञों ने भाग लिया। WTSA और IMC वैश्विक मानकों और सेवाओं को एक मंच पर लाकर भारत को दूरसंचार प्रौद्योगिकी के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर प्रदान कर रहे हैं।
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